सीएम भूपेश बघेल का बयान
सीएम भूपेश बघेल का बयान Raj Express
छत्तीसगढ़

प्रदेश का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित होगा हम "गढ़बो नवा छत्तीसगढ़" का लक्ष्य पूरा करेंगे : CM भूपेश बघेल

Deeksha Nandini

हाइलाइट्स

  • सीएम भूपेश बघेल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की दी शुभकामनाएं।

  • मुखयमंत्री बघेल ने कहा, प्रदेश का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित होगा।

  • "गढ़बो नवा छत्तीसगढ़" का लक्ष्य पूरा करने की बात कही।

  • 17 नवंबर 1965 को यूनेस्को ने किया था अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित।

International Literacy Day 2023 : रायपुर, छत्तीसगढ़। साक्षरता की नई उपलब्धियों से प्रदेश का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित होगा तथा हम "गढ़बो नवा छत्तीसगढ़" का लक्ष्य पूरा करेंगे। यह बात छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कही है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस सीएम बघेल की अपील :

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, अक्षर ज्ञान वह पहला द्वार है, जहां से ज्ञान के अनंत रास्ते खुलते हैं। साक्षरता से शिक्षा और शिक्षा से विकास का सीधा संबंध है। साक्षरता दिवस देश में साक्षरता के वर्तमान सोपान पर गर्व करने का दिन है। शालाओं और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों से साक्षरता के पुनीत कार्य में भागीदार बनने की अपील करते हुए कहा कि, साक्षरता की नई उपलब्धियों से प्रदेश का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित होगा तथा हम "गढ़बो नवा छत्तीसगढ़" का लक्ष्य पूरा करेंगे।

17 नवंबर 1965 को यूनेस्को ने किया था घोषित :

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day) हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। साक्षरता के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस अक्षरों की अलख जगाने और अक्षर ज्ञान की महत्ता बताने का दिन है। 17 नवंबर 1965 को यूनेस्को ने 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित किया। इसे पहली बार 1966 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व को उजागर करना है।

लगभग 775 मिलियन युवा साक्षरता की कमी से प्रभावित हैं; यानी, पांच में से एक युवा अभी तक साक्षर नहीं है और इनमें से दो-तिहाई महिलाएं हैं। 67 मिलियन बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं और कई बच्चों में नियमितता का अभाव है या वे स्कूल छोड़ देते हैं। इसलिए शिक्षा का अलख जगाने और उसके महत्त्व को समझाने के लिए यह दिन मनाया जाता है जिससे देश का हर बच्चा सचुल जाकर शिक्षित हो सके और अपने और अपने परिवार के लिए सुनहरा भविष्य का निर्माण कर सके।

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