पश्चिम बंगाल, भारत। देश की सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। इस बीच अब इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया आई है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा कॉलेजियम पर सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र पर सवाल उठाए है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के पैसे के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि, ''योजना का पैसा नहीं मिला तो तय समय पर लोगों को घर नहीं मिल पाएंगे। पश्चिम बंगाल में पीएम आवास योजना के तहत 11 लाख घरों के काम को 31 मार्च 2023 तक पूरा करना है। पैसा मिलने में देरी होने पर घरों के निर्माण कार्य को पूरा करने में दिक्कत होगी और लोगों को समय पर घर नहीं मिल पाएंगे।''
न्यायपालिका को आज़ादी होनी चाहिए। अगर कॉलेजियम में केंद्र सरकार का प्रतिनिधी रहेगा तो राज्य सरकार का भी प्रतिनिधी होना चाहिए, लेकिन जब राज्य सरकार कॉलेजियम के लिए अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट (SC) भेजेगी तो वह (SC) उसे केंद्र सरकार को भेजेगी। ऐसे में राज्य सरकार की सिफारिश का कोई मतलब नहीं रह जाएगा और केंद्र सरकार न्यायपालिका में दखल देना शुरू करेगी। यह हम नहीं चाहते।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
इस दौरान : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जोशीमठ की स्थिति का जिक्र करते हुए यह भी कहा है कि, ''जोशीमठ जैसी स्थिति रानीगंज (बर्धमान जिले के रानीगंज) में भी है हम सरकार से 10 सालों से लड़ रहे हैं। कोल इंडिया को लेकर जो पैसे देने की बात थी, आज तक पैसे नहीं दिए। रानीगंज में भी ऐसी स्थिति होने से 30 हज़ार लोग प्रभावित होंगे।''
बता दें कि, केंद्र की मोदी सरकार की ओर से CM ममता बनर्जी के नेतृ्त्व वाली राज्य सरकार को 493 पन्नों का पत्र भेजा था, जिसमें केंद्र ने राज्य से पीएम आवास योजना पर खर्च किए गए पैसों का ब्यौरा मांगा था।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।