मोटे अनाजों की बड़े पैमाने पर होगी खरीद : नरेन्द्र सिंह तोमर
मोटे अनाजों की बड़े पैमाने पर होगी खरीद : नरेन्द्र सिंह तोमर Social Media
भारत

मोटे अनाजों की बड़े पैमाने पर होगी खरीद : नरेन्द्र सिंह तोमर

News Agency

नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज कहा कि सरकार पौष्टिक मोटे अनाजों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस बार बड़े पैमाने पर इनकी खरीद की जायेगी और इसके लिए राज्यों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। श्री तोमर ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मोटे अनाजों (ज्वार , बाजरा ,रागी आदि) की खरीद के लिए राज्यों को केन्द्र को प्रस्ताव भेजना होगा और उसके आधार पर उन्हें राशि उपलब्ध करायी जायेगी । राज्यों की ओर से जिन मोटे अनाजों की खरीद की जायेगी उसका वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से करना होगा ।

उन्होंने बताया कि पिछले साल सात राज्यों ने 13 लाख टन मोटे अनाजों की खरीद की थी । इस बार और अधिक राज्यों को मोटे अनाजों की खरीद के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा । उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है ।कृषि मंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहनों और तिलहनों की भी खरीद की जा रही है, जिससे किसानों को लाभकारी मूल्य मिल रहा है । दलहनों के मामले में देश लगभग आत्मनिर्भर हो गया है, जबकि तिलहनों के उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये गये हैं ।श्री तोमर ने ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना और आधुनिक तकनीक से लोगों को हो रहे फायदे की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इससे कही भी लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से अपना राशन आसानी से प्राप्त कर सकते हैं । इससे अपने राज्य के बाहर जा कर काम करने वाले लोगों को सार्वाधिक फायदा हो रहा है ।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली की पांच लाख से अधिक दुकानों में पॉस मशीने लगायी गयी है । इससे पारदर्शिता बढ़ी है और फर्जी कार्ड का पता चला है । देश भर में 19 करोड़ राशन कार्ड हैं, जिससे करीब 80 करोड़ लोग जुड़े हैं । राशन कार्ड से पार्टेबल की सुविधा मिलने के कारण वर्ष 2019 में 93 करोड़ लेनदेन तथा 2022 में 39 करोड़ लेनदेन हुए हैं । श्री तोंमर कोविड संकट के दौरान गरीबों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराया गया तथा इसके लिए पांच किलो अनाज लोगों को मुफ्त उपलब्ध कराये गये । इस योजना पर तीन लाख 90 हजार करोड़ रुपये खर्च किये गये।

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