Defense Minister explained condition of border
Defense Minister explained condition of border Social Media
भारत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्‍यसभा को बताए भारत-चीन बॉर्डर के हालात

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। हाल ही में भारत और चीन के बीच लद्दाख की सीमा पर हुए विवाद के दौरान भारत ने चीन का डट कर सामना किया था। वहीं, अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्‍यसभा को भारत-चीन बॉर्डर के हालातों की जानकारी देते हुए सख्त कदम उठाने को लेकर जानकारी दी।

रक्षा मंत्री ने बताए सीमा के हालात :

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बताया कि, 'चीन द्वारा भारत में लद्दाख के लगभग 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर अवैध कब्‍जा कर जमाया हुआ है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, भारत और चीन के बीच रिश्‍ते बढ़ाए जा सकते हैं। साथ ही सीमा पैट हुए विवाद को लेकर भी बात हो सकती है, सीमा पर तनाव का असर रिश्‍तों पर पड़ेगा। चीन की गतिविधियों से समझना आसान है कि, उसकी कथनी और करनी में अंतर है। इसका सबूत ये है कि, बातचीत के बावजूद चीन की तरफ से 29-30 अगस्‍त को भारत के खिलाफ उकसाने के मकसद से कार्रवाई की गई थी।'

हम पीछे नहीं हटेंगे :

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि, 'भारतीय सेना हर हाल में चीन का सामना करने के लिए तैयार है। भारत को चीन से निपटने और देशहित के लिए कितना ही बड़ा और कड़ा कदम उठाना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे। बीते समय में भी चीन के साथ हमारे सीमा क्षेत्रों में में लंबे समय से तनाव की स्थिति कई बार बनी है जिसका शांतिपूर्ण तरीके से समाधान किया गया था। मैं देशवासियों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि, हमारे जवानों का जोश एवं हौसला बुलंद है और हमारे जवान किसी भी संकट का सामना करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। इस बार भी, सीमा पर हमारे वीरों ने, किसी भी प्रकार की आक्रामकता दिखाने की बजाय, धैर्य और साहस का परिचय दिया।'

भारतीय सेना ने घटना क्रम में दिखाया संयम और शौर्य :

रक्षा मंत्री ने साइनो-पाकिस्‍तान बाउंड्री एग्रीमेंट के बारे में बताया कि, पाकिस्तान ने 5,180 वर्ग किलोमीटर की भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को दे दी। चीन अब अरुणाचल प्रदेश में 90 हजार वर्ग किलोमीटर भूमि पर भी दावा कर रहा है। उन्‍होंने आगे कहा कि, भारत और चीन की सीमा पर पहले भी तनाव हुआ है और LAC को लेकर दोनों देशों की सोच अलग-अलग है। मई में चीन ने गलवान में भारतीय सैनिकों की पैट्रोलिंग रोकी। इसके बाद भारतीय सेना ने 15 जून को गलवान घाटी पर हुए विवाद में में PLA को करारा जवाब दिया। भारतीय सैनिकों ने पूरे घटना क्रम में सही जगह पर संयम भी दिखाया और सही जगह पर शौर्य भी दिखाया।

द्विपक्षीय समझौतों का उल्‍लंघन :

रक्षा मंत्री राजनाथ ने बताया कि, चीन द्वारा की गई गतिविधियां द्विपक्षीय समझौतों का उल्‍लंघन है। उन्‍होंने बताया कहा, "चीन ने बॉर्डर पर सैनिक जुटाए जो कि, 1993 और 1996 में हुए समझौतों के खिलाफ है। सीमावर्ती इलाकों में शांति के लिए लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल का सम्‍मान बेहद जरूरी है। हमारी सेनाएं समझौतों का पूरी तरह पालन करती हैं लेकिन चीन की तरफ से ऐसा नहीं होता। हम बातचीत के जरिए सभी मसले सुलझाना चाहते हैं।"

भारत भी अपनाएगा चीन की भाषा :

रक्षा मंत्री राज्‍यसभा ने चेतावनी देते हुए कहा है कि, 'भारत बातचीत करने के लिए तैयार है लेकिन भारत झुकने वालों में से नहीं है। चीन ने सीमा पर जवानों की भारी तैनाती की है और गोला-बारूद जुटाए हैं। भारतीय सेना ने भी काउंटर डिप्‍लॉयमेंट्स किए हैं। भारत की सुरक्षा के लिए चाहे जितना कड़ा कदम उठाना पड़े, हम उठाने को तैयार हैं।' यदि चीन को सबक सीखने के लिए चीन की भाषा भी अपनानी पड़ेगी तो, भारत तैयार है।

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