जेल में ही बंद रहेंगे सत्येंद्र जैन, कोर्ट ने जमानत अर्जी की खारिज
जेल में ही बंद रहेंगे सत्येंद्र जैन, कोर्ट ने जमानत अर्जी की खारिज Social Media
भारत

जेल में ही बंद रहेंगे सत्येंद्र जैन, कोर्ट ने जमानत अर्जी की खारिज

Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। मनी लॉन्ड्रिंग केस के आरोपों में घिरे दिल्‍ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन न्यायिक हिरासत में है। बीते दिनों कोर्ट द्वारा जमानत याचिका पर फैसला भी सुरक्षित रख लिया गया था और जल्‍द ही उनकी जमानत होने की उम्‍मीद थी, लेकिन अब यह बड़ी खबर सामने आ रही है कि, सत्येंद्र जैन को कोर्ट से बड़ा झटका लगा व जमानत से राहत नहीं मिली है।

सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज :

दरअसल, इस बारे में हाल ही में यह खबर सामने आई है कि, मनी लांड्रिंग का आरोप झेल रहे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर बड़ा झटका दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद सत्येंद्र जैन को अभी जेल में ही रहना होगा। इसके अलावा दो अन्‍य आरोपियों की भी आज कोर्ट जमानत याचिका को खारिज किया है। मनी लांड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन, वैभव और अंकुश जैन आरोपी हैं। 

हालांकि, दिल्‍ली कोर्ट ने पिछले 6 माह से लंबी बहस, केस ट्रांसफर समेत कई कानूनी दुश्वारियों के बाद ही अपना फैसला सुनाया था।

तो वहीं, फैसले से पहले सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश वकील एन हरिहरन ने ED के द्वारा बनाए गए केस पर सवाल उठाते हुए कहा- ईडी द्वारा बनाई गई कहानी उस फेयरी टेल जैसी है।

इसके अलावा ईडी का पक्ष रखते हुए कोर्ट से अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा- 40-50 बार सत्येंद्र जैन ने हवाला ऑपरेटर को नगद मुहैया कराया है। पीएमएलए एक्ट की धारा 50 के तहत गलत जानकारी देना अपराध है। सत्येंद्र जैन लगातार गलत जानकारी दे रहे हैं। जो की आईपीसी 99 के तहत दंडनीय है,ऐसे में जैन को जमानत न दी जाए।

क्‍या है पूरा मामला :

बता दें कि, दिल्‍ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन 57 वर्षीय जैन को 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED द्वारा गिरफ्तार किया गया था, वे 30 मई से तिहाड़ जेल में बंद हैं। तो वहीं, अप्रैल के महीने में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत सत्‍येंद्र जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की थीं, जिसमें अकिंचन डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल थीं।

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