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दिल्ली

Electoral Bonds : SBI के खिलाफ ADR की अवमानना याचिका, SC शीघ्र सुनवाई को सहमत

Author : Deeksha Nandini

हाइलाइट्स

  • अधिवक्ता प्रशांत भूषण की गुहार पर याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने पर सहमति।

  • ADR ने याचिका में SBI पर जानबूझकर जानकारी साझा नहीं करने का लगाया आरोप।

दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने गुरुवार को कहा कि, चुनावी बॉन्ड संबंधी सभी विवरण 6 मार्च तक चुनाव आयोग के पास नहीं जमा कराने पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के खिलाफ दायर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (ADR) की अवमानना याचिका पर शीघ्र सुनवाई की जायेगी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की गुहार पर याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।

अधिवक्ता ने विशेष उल्लेख के दौरान पीठ के समक्ष दलील देते हुए शीर्ष अदालत के आदेश की अवमानना याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने की गुहार लगाई थी। ADR ने अपनी याचिका में SBI पर जानबूझकर जानकारी साझा नहीं करने का आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को अपने फैसले में राजनीतिक दलों को चंदा देने की इस योजना (चुनावी बॉन्ड) को अपारदर्शी और असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया था। संविधान पीठ ने अपने फैसले में चुनावी बॉन्ड प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों समेत अन्य संबंधित सभी विवरण (SBI बॉन्ड से संबंधित) 6 मार्च 2024 तक चुनाव आयोग को सौंपने का निर्देश SBI को दिया था।

इसके अलावा शीर्ष अदालत ने SBI से प्राप्त उन जानकारियों को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डालने का भी निर्देश दिया था। इस बीच ADR की याचिका से पहले SBI ने कुछ व्यावहारिक कठिनाइयों का हवाला देते हुए उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक आवेदन देकर गुहार लगाई थी कि उसे 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण सार्वजनिक करने के लिए 30 जून 2024 तक समय दिया जाए। चुनावी बॉन्ड बेचने वाले बैंक 'SBI 'ने डिकोडिंग अभ्यास और शीर्ष अदालत द्वारा इसके लिए तय की गई समयसीमा के साथ कुछ व्यावहारिक कठिनाइयों का हवाला देते हुए समय सीमा बढ़ाने की गुहार लगाई थी। शीर्ष अदालत के समक्ष एक आवेदन के जरिए SBI की ओर से कहा गया है कि, 12 अप्रैल 2019 से फैसले की तारीख यानी 15 फरवरी 2024 के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए 22,217 चुनावी बॉन्ड का इस्तेमाल किया गया था।

SBI ने SC में दी यह दलील

SBI ने शीर्ष अदालत से कहा है कि भुनाए गए बॉन्ड प्रत्येक चरण के अंत में सीलबंद लिफाफे में अधिकृत शाखाओं द्वारा मुंबई मुख्य शाखा में जमा किए गए थे। इस तथ्य के साथ कि दो अलग-अलग सूचना साइलो मौजूद हैं। इसका मतलब यह है कि कुल 44,434 सूचना सेटों को डिकोड, संकलित और तुलना करना होगा। इन तथ्यों को अदालत के समक्ष रखते हुए एसबीआई ने अपने आवेदन में कहा था, ''अदालत द्वारा अपने फैसले में तय की गई तीन सप्ताह की समय सीमा प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।

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