Permission to clean water tank of Gyanvapi sealed area
Permission to clean water tank of Gyanvapi sealed area Raj Express
दिल्ली

Gyanvapi Masjid Controversy : सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी सीलबंद क्षेत्र की पानी टंकी सफाई की अनुमति दी

gurjeet kaur

हाइलाइट्स:

  • मुस्लिम पक्ष को पानी टंकी की सफाई को लेकर कोई आपत्ति नहीं।

  • जिला प्रशासन वाराणसी की देखरेख में होगी टंकी की सफाई ।

  • पानी की टंकी में मछलियाँ 20-25 दिसंबर 2023 के बीच मर गई।

दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने विवादित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सीलबंद क्षेत्र की पानी टंकी की सफाई के लिए वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश देने की कुछ हिंदू महिलाओं की एक याचिका मंगलवार को स्वीकार कर ली। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका स्वीकार की। पीठ ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को संज्ञान में लिया कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। मुस्लिम पक्ष के वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने पीठ के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल को पानी टंकी की सफाई को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। प्रशासन को सफाई करने दें। इसके बाद पीठ ने निर्देश दिया कि पानी की टंकी की सफाई इस अदालत के पिछले आदेशों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन वाराणसी की देखरेख में की जानी चाहिए।

इस मामले में दाखिल याचिका में अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने महिलाओं की ओर से अदालत से गुहार लगाते हुए कहा कि 16 मई 2022 को सर्वे होने के बाद पानी की टंकी की सफाई नहीं हुई है। याचिका में कहा गया, पानी की टंकी में मछलियाँ 20-25 दिसंबर 2023 के बीच मर गई हैं। इसी वजह से टंकी से दुर्गंध आ रही है। याचिका में यह भी आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता अंजुमन इंतजामिया मछलियों की उस स्थिति के लिए जिम्मेदार है, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई है। याचिका में कहा गया, यदि वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट के अनुरोध के अनुसार मछली को स्थानांतरित कर दिया गया होता तो वर्तमान दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न नहीं होती। चूंकि, वहां मौजूद शिवलिंग हिंदुओं के लिए पवित्र है, गंदगी और मृत जानवरों से दूर रखा जाना चाहिए।

याचिका में अदालत से जिला मजिस्ट्रेट को शिवलिंग के पूरे क्षेत्र की सफाई करने और स्वच्छ स्थिति बनाए रखने का निर्देश देने की मांग की गई है। महिला याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि मछलियों की जान को खतरे को देखते हुए 17 मई 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार और वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट की ओर से तालाब से मछलियों को स्थानांतरित करने के लिए उचित निर्देश जारी करने के लिए एक आवेदन दायर किया गया था। आवेदन हालाँकि, का अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने आपत्ति दर्ज करके विरोध किया था, जिसमें कहा गया था कि मछलियों को संबंधित स्थान से स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने मई 2022 को कथित तौर पर मौजूद शिवलिंग की सुरक्षा और नमाज अदा करने के लिए मुसलमानों को उस स्थान से आने-जाने की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

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