Amit Shah Introduces Three Amended Bills
Amit Shah Introduces Three Amended Bills Raj Express
दिल्ली

गृह मंत्री अमित शाह ने IPC, CrPC और साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए लोकसभा में तीन संशोधित विधेयक किए पेश

Deeksha Nandini

हाइलाइट्स

  • केंद्रीय गृहमंत्री ने लोकसभा में तीन संशोधित विधेयक किए पेश।

  • 14 दिसंबर को होगी इन पर चर्चा।

  • तीनों बिलों पर सदन में 12 घंटे होगी चर्चा।

Amit Shah Introduces Three Amended Bills : दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट को बदलने के लिए तीन नए विधेयक पेश किये है। ये तीन विधेयक भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक-2023 है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किए गए तीन विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को सदन से वापस ले लिया था। 11 अगस्त को पेश किए गए इन तीनों बिलों को उस समय अमित शाह के अनुरोध पर ही स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया था। स्टैंडिंग कमेटी की कई सिफारिशें आने के बाद सरकार ने यह तय किया कि इन तीनों पुराने बिलों को वापस लेकर नए बिलों को सदन में पेश किया जाए।

इसी आधार पर अमित शाह ने मंगलवार को मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए गए तीनों विधेयकों, भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक-2023, को सदन की सहमति से वापस ले लिया और फिर स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए तीन नए बिलों, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक-2023, को सदन में पेश कर दिया।

अमित शाह ने कहा, इन संशोधनों को पढ़ने के लिए सांसदों के पास 48 घंटे का पर्याप्त समय है क्योंकि उन्होंने इन बिलों को आज सिर्फ पेश किया है और इन पर सदन में 14 दिसंबर को चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से 15 दिसंबर को चर्चा का जवाब दिया जाएगा क्योंकि ये महत्वपूर्ण विधेयक हैं और वे भी इसे हड़बड़ी में नहीं लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर सदन में लंबी चर्चा के लिए तैयार है और चर्चा के दौरान कोई अच्छा सुझाव आता है तो सरकार उसे भी बिल में शामिल कर सकती हैं। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तीनों बिलों पर सदन में 12 घंटे चर्चा कराने की बात कही।

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