ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ
ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ Raj Express
दिल्ली

अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास होना चाहिए, इससे पूरे देश का विकास होगा यही हमारा मिशन है: ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ

Priyanka Sahu

हाइलाइट्स :

  • हम उस विजन को पूरा करने के लिए तैयार हैं जो PM मोदी ने हमें दिया- ISRO चीफ

  • एस. सोमनाथ बोले- वैज्ञानिक मिशन के अधिकांश उद्देश्य पूरे होने जा रहे हैं

  • देश का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) तैयार है

दिल्‍ली, भारत। चांद पर चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी के बाद अब वैज्ञानिकों द्वारा आगे के विजन की तैयारी की जा रही है। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख एस. सोमनाथ का अपने अगले मिशन को लेकर बड़ा बयान सामने आया है।

हमें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की ज़रूरत है। :

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख एस. सोमनाथ ने अपने बयान में कहा- भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है, लेकिन हमें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की ज़रूरत है। हमें और अधिक निवेश की आवश्यकता है और अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास होना चाहिए, इससे पूरे देश का विकास होगा यही हमारा मिशन है। हम उस विजन को पूरा करने के लिए तैयार हैं जो प्रधानमंत्री मोदी ने हमें दिया है।

ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि, हम चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी पर बहुत खुश हैं। वैज्ञानिक मिशन के अधिकांश उद्देश्य पूरे होने जा रहे हैं। सभी वैज्ञानिक डेटा बहुत अच्छे दिख रहे हैं। हम आने वाले 14 दिनों में चंद्रमा से डेटा मापना जारी रखेंगे। हमें उम्मीद है कि ऐसा करते हुए हम विज्ञान में सफलता हासिल करेंगे। हम अगले 13-14 दिनों के लिए उत्साहित हैं।

देश का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) तैयार है :

इसके अलावा बीते दिन शनिवार को ISRO के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि, देश का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) तैयार है और इसे सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान -3 के अधिकांश वैज्ञानिक मिशन उद्देश्य अब पूरे होने जा रहे हैं और इसरो की टीम अगले 13-14 दिनों के लिए उत्साहित है। आदित्य- एल1 उपग्रह तैयार है। यह श्रीहरिकोटा पहुंच गया है और पीएसएलवी से जुड़ गया है। इसरो का अगला लक्ष्य इसका प्रक्षेपण करना है। प्रक्षेपण सितंबर के पहले सप्ताह में होगा। तारीख की घोषणा दो दिनों के भीतर की जाएगी। आदित्य- एल1 उपग्रह (Aditya L1 satellite) प्रक्षेपण के बाद अण्डाकार कक्षा में जाएगा और वहां से वह एल1 बिंदु तक यात्रा करेगा, जिसमें लगभग 120 दिन लगेंगे।

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