राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में PM मोदी
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में PM मोदी  Raj Express
दिल्ली

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में PM मोदी, कहा- स्वदेशी एक जन आंदोलन बन गया

Priyanka Sahu

हाइलाइट्स :

  • भारत मंडपम में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह में पहुंचे PM मोदी

  • भारतीय कपड़ा और हस्तशिल्प कोष के ई-पोर्टल का शुभारंभ किया

  • नागरिकों से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का किया आग्रह

  • पिछले 9 वर्षों में खादी के उत्पादन में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई: PM मोदी

दिल्ली, भारत। दिल्‍ली में प्रगति मैदान के भारत मंडपम में 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह' आयोजित हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्‍होंने भारतीय कपड़ा और हस्तशिल्प कोष के ई-पोर्टल का शुभारंभ किया एवं समारोह को संबोधित किया। साथ ही नागरिकों से आगामी त्योहारों के दौरान स्थानीय उत्पादों को और बढ़ावा देने का आग्रह किया है।

खादी के उत्पादन में 3 गुना से अधिक की वृद्धि :

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह को संबोधित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आजादी के बाद वस्त्र उद्योग (खादी) को मजबूत करने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, जो पिछली सदी में इतना मजबूत था...आलम यह था कि इसे मरने के लिए छोड़ दिया गया...खादी पहनने वाले लोगों को हीन भावना से देखा जाता था...2014 से हमारी सरकार इस स्थिति और सोच को बदलने में जुटी है। पिछले 9 वर्षों में खादी के उत्पादन में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और खादी के कपड़ों की बिक्री भी 5 गुना बढ़ गई है। देश-विदेश में खादी के कपड़ों की मांग बढ़ रही है।

आज 'Vocal for Local' की भावना के साथ देशवासी स्वदेशी उत्पादों को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं, ये एक जन आंदोलन बन गया है। आज के दिन 'स्वदेशी आंदोलन' की शुरूआत हुई थी। स्वदेशी का ये भाव सिर्फ विदेशी कपड़े के बहिष्कार तक ही सीमित नहीं था, बल्कि ये हमारी आर्थिक आजादी का बहुत बड़ा प्रेरक था। ये भारत के लोगों को अपने बुनकरों से भी जोड़ने का अभियान था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

आगे उन्‍होंने कहा- हम अपने handloom, खादी, textile sector को world champion बनाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सबका प्रयास जरूरी है। श्रमिक हो, बुनकर हो, designer हो या industry, सबको एकनिष्ठ प्रयास करने होंगे। मोदी ने गांरटी दी है- मुफ्त राशन की...और जब मोदी गारंटी देता है, तो चूल्हा 365 दिन जलता है।

  • हमारे परिधान, हमारा पहनावा हमारी पहचान से जुड़ा रहा है। देश के दूर-सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी साथियों से लेकर बर्फ से ढके पहाड़ों तक, मरुस्थल से लेकर समुद्री विस्तार और भारत के मैदानों तक, परिधानों का एक खूबसूरत इंद्रधनुष हमारे पास है।

  •  नौ अगस्त को पूज्य बापू के नेतृत्व में Quit India Movement शुरू हुआ था। पूज्य बापू ने अंग्रेजों को साफ-साफ कह दिया था Quit India और अंग्रेजों को India छोड़ना ही पड़ा था। जो मंत्र अंग्रेजों को खदेड़ सकता था, वह मंत्र हमारे यहां भी ऐसे तत्वों को खदेड़ने का कारण बन सकता है।

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