सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट Raj Express
दिल्ली

Update : ज्ञानव्यापी मस्जिद के वजूखाने के सर्वे की उठी मांग, हिन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

Author : Deeksha Nandini

हाइलाइट्स

  • ज्ञानव्यापी मस्जिद मामले में हिन्दू पक्ष ने की वजूखाने की सर्वे की मांग।

  • ASI की रिपोर्ट आने के बाद विहिप ने इसे हिंदू मंदिर घोषित करने की मांग की।

Gyanvapi Masjid Case Update : दिल्ली। ज्ञानव्यापी मस्जिद मामले में हिन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में वजूखाने के सर्वे को लेकर याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया कि, ज्ञानव्यापी मस्जिद के वजूखाने को अनलॉक किया जाए तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) विभाग को बिना शिवलिंग को नुकसान पहुँचाये सर्वे करने के आदेश दिए जाने चाहिए। बता दें कि, ASI द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कई खुलासे किये है जिसके बाद हिन्दू पक्ष ने यहाँ शिव मंदिर होने का दावां किया है।

दरअसल, बीते दिन ASI के द्वारा किये गए सर्वे की रिपोर्ट जारी हुई जिसमें मंदिर के कई अवशेष होने की बात कही गई है। रिपोर्ट के सामने आने के बाद विश्व हिंन्दू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। एएसआई की रिपोर्ट सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इस जगह को हिंदू पक्ष को सौंपने को कहा।

साथ ही दावा है कि एएसआई के सर्वे ने इस बात को फिर साबित किया कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को एक मंदिर को ढहाकर बनाया गया था। एएसआई की रिपोर्ट सामने आने के बाद विहिप ने इसे अब एक हिंदू मंदिर घोषित करने की मांग की है और मुस्लिमों से इसे हिंदू को सौंपने को कहा है। इसके अलावा विहिप ने अब तक वजूखाना कहे जाने वाले एरिया में पाए गए शिवलिंग' की सेवा पूजा को मंजूरी देने की मांग की है।

हिंदू पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर किया गया। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 17वीं सदी में किया गया। उस समय मुगल बादशाह औरंगजेब का शासनकाल था और उसने एक पुराने मंदिर को ध्वस्त कर यहां पर मस्जिद का निर्माण करवाया था। विष्णु जैन ने दावा किया एएसआई की टीम जब मंदिर के भीतर सर्वे करने गई तो उसे इसके भीतर तहखानों में मूर्तियों के अवशेष मिले हैं मस्जिद के निर्माण के लिए जिन स्तंभों का इस्तेमाल किया गया है, वे पहले से मौजूद मंदिर के हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT