डीआरडीओ ने विकसित की कोविड-19 एंटीबॉडी पहचान किट 'डिपकोवैन'
डीआरडीओ ने विकसित की कोविड-19 एंटीबॉडी पहचान किट 'डिपकोवैन' Social Media
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डीआरडीओ ने विकसित की कोविड-19 एंटीबॉडी पहचान किट 'डिपकोवैन'

Author : राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला डिफेंस इंस्टिट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एण्ड एलायड सांसेज (डीआईपीएएस) ने सीरो-निगरानी के लिए एंटीबॉडी पहचान आधारित किट 'डिपकोवैन' कोविड-19 एंटीबॉडी विकसित की है।

डिपकोवैन किट 97 प्रतिशत उच्च संवेदनशीलता और 99 प्रतिशत विशिष्टता के साथ सार्स सीओवी-2 वायरस के स्पाइक के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड (एस एंड एन) प्रोटीन दोनों का पता लगा सकती है। यह किट एक कंपनी वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित की गई है।

डिपकोवैन किट स्वदेश में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई है और बाद में दिल्ली में निर्दिष्ट अस्पतालों में 1,000 से अधिक मरीज नमूनों पर इसका व्यापक सत्यापन किया गया है। उत्पाद के तीन बैचों पर सत्यापन का काम पिछले एक वर्ष के दौरान किया गया। इस किट को अप्रैल, 2021 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा मंजूरी दी गई।

इस उत्पाद को बिक्री और वितरण के लिए बनाने की नियामक मंजूरी इस महीने औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई।

डिपकोवैन का उद्देश्य मानव सीरम या प्लाज्मा में गुणात्मक दृष्टि से एंटीबॉडी का पता लगाना है जो सार्स सीओवी-2 से संबंधित एंटीजेन लक्षित करता है। इस किट को अगले महीने लांच किया जायेगा और इसकी कीमत करीब 75 रूपये होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जरूरत के समय किट विकसित करने में डीआरडीओ तथा उद्योग के प्रयासों की सराहना की है।

डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने किट विकसित करने में शामिल टीम की प्रशंसा की और कहा कि इस कदम से महामारी के दौरान लोगों को मदद मिलेगी।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है।

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