सरकार ने ली AI की मदद
सरकार ने ली AI की मदद Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

सरकार ने ली AI की मदद, पता चला 40 लाख से अधिक सिम चल रही हैं फर्जी डॉक्यूमेंट पर

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। टेक्नोलॉजी के इस बढ़ते हुए दौर में हर कोई खुद को एडवांस बनाने पर जोर दे रहा है। इस बीच आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (AI) के आ जाने के बाद से टेक्नोलॉजी की रफ्तार में चार चांद लग गए हैं। पहले जहां लोग केवल अपने रोजमर्रा के कामों से लेकर प्रोफेशनल कामों तक में AI का भरपूर इस्तेमाल करने लगे। तो वहीं अब सरकार भी जरुरी कामों के लिए आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हट रही है। इसी सिलिसले में जब हाल ही में केंद्र सरकार के द्वारा AI की मदद से करीब 87.85 करोड़ मोबाइल कनेक्शन की जांच की, तो यह सामने आया कि देश में 40 लाख से भी अधिक मोबाइल नंबर फर्जी दस्तावेजों पर चल रहे हैं। जिसके बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 38 लाख नंबर्स को बंद भी कर दिया है।

फर्जी कनेक्शन की भरमार

आज दुनियाभर में कई ऐसे देश हैं जो सरकारी कामकाज में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत सरकार के द्वारा भी हाल ही में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर भारत में चल रहे 131 करोड़ मोबाइल कनेक्शन में से केवल 87.85 करोड़ नंबर्स के बारे में जानकारी निकाली गई। इस जांच में यह बात सामने आई कि देश में 40.87 लाख मोबाइल नंबर्स ऐसे हैं जिन्हें फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर ख़रीदा गया है। हैरानी की बात तो यह है कि आज देशभर में लाखों फर्जी कनेक्शन चल रहे हैं। लेकिन इन्हें लेकर याचिका दर्ज करने का आंकड़ा बेहद कम है।

कैसे हुई यह जांच?

भारत सरकार ने इस जांच के लिए आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस एंड फेशिअल-रिकग्निशन सोल्यूशन ASTR का इस्तेमाल किया है। इस सोल्यूशन का इस्तेमाल आमतौर पर SIM सब्सक्राइबर के वेरिफिकेशन के लिए किया जाता है। इसकी मदद से साइबर फ्रॉड को डिटेक्ट करने में काफी मदद मिलती है।

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