देश में Green Fungus की एंट्री, पहला मामला मध्यप्रदेश के इंदौर से आया सामने
देश में Green Fungus की एंट्री, पहला मामला मध्यप्रदेश के इंदौर से आया सामने Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

देश में Green Fungus की एंट्री, पहला मामला मध्यप्रदेश के इंदौर से आया सामने

Author : Kavita Singh Rathore

इंदौर, मध्य प्रदेश। आज देशभर में कोरोना के आंकड़े की रफ्तार पिछले दिनों की तुलना में कुछ कम होती नजर आरही है, लेकिन ऐसे में देशभर में कई तरह के फंगस अपने पैर पसारते जा रहे हैं। देश में सबसे पहले ब्लैक फंगस नाम की बीमारी सामने आई थी। उसके बाद वाइट और यलो फंगस के मामलों में भी सामने आने लगे हैं। इन सब के बाद अब देश में ग्रीन फंगस (Green Fungus) की भी एंट्री हो चुकी है। जी हां, देश में अब तक कोरोना, ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस और यलो फंगस खलबली मचा रहे थे, लेकिन इसी बीच मध्य प्रदेश के इंदौर से ग्रीन फंगस का पहला मामला सामने आ गया है।

इंदौर से सामने आया ग्रीन फंगस का पहला मामला :

दरअसल, देशभर के कई राज्यों में धीरे-धीरे ब्लैक, व्हाइट और यलो फंगस ने अपने पैर पसारता ही जा रहा था। इसी बीच मध्य प्रदेश के इंदौर से ग्रीन फंगस का मामला सामने आने से प्रदेश वासियों की चिंता और परेशानी बढ़ गई है। क्योंकि, अभी देश में ब्लैक फंगस के मामले सामने आना बंद भी नहीं हुए थे कि, अब ये ग्रीन फंगस नाम की नई बला सामने आ गयी है। इंदौर में अस्पताल में भर्ती एक मरीज के फेफड़ों की जांच करने पर उसके फेफड़ों में ग्रीन फंगस पाया गया है। फिलहाल राहत की बात यह है कि, ये ग्रीन फंगस के मामले का देश का अकेला मरीज है। इसे इंदौर से मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है।

कैसे मिला ग्रीन फंगस :

दरअसल, इंदौर में जिस मरीज में ग्रीन फंगस पाया गया है उसे कुछ दिनों पहले कोरोना हुआ था। कोरोना से ठीक होने के बाद जब उसमें पोस्ट कोविड लक्षण पाए गए तो उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया, इसके बाद जांच के दौरान उसके फैफड़ों में हरे रंग का फंगस मिला। इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि, 'मरीज के फेफड़े इस फंगस के 90 फीसदी तक संक्रमित हो चुके हैं, उसके दाएं फेफड़े में मवाद भर गया था, फेफड़े और साइनस में एसपरजिलस फंगस घर कर गया था। इसे ही ग्रीन फंगस कहा जा रहा है।'

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने दी जानकारी :

बताते चलें, स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि, 'मरीज के फेफड़ों की जांच में एक हरे रंग का फंगस पाया गया है। इसी के आधार पर इसे ग्रीन फंगस (Green Fungus) नाम दिया गया है।'

ग्रीन फंगस है ज़्यादा खतरनाक :

डॉक्टरों का कहना है कि, 'ग्रीन फंगस, ब्लैक फंगस की तुलना में कहीं ज्यादा खतरनाक होता है। इसके असर के कारण मरीज की सेहत तेजी से गिरती है। दिनों दिन मरीज की हालत बद से बदतर होती जाती है। फेफड़ों में मवाद भर जाता है। मल से खून आने की शिकायत होने लगती है। बुखार भी 103 डिग्री तक पहुंच जाता है।'

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT