नदियों में विसर्जन पर भारी जुर्माना
नदियों में विसर्जन पर भारी जुर्माना Priyanka Yadav - RE
भारत

मूर्ति निर्माण में प्रदूषणकारी तत्व बैन-नदियों में विसर्जन पर भारी जुर्माना

Priyanka Yadav

राज एक्सप्रेस। पर्यावरण के लिए जहर साबित होने वाले प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) जैसे पदार्थों से बनने वाली प्रतिमाओं से पर्यावरण को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है। गंगा और इसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश जारी किये गये हैं। अब मूर्तियों का विसर्जन गंगा और उसकी सहायक नदियों में नहीं किया जा सकेगा है। विसर्जन के लिए ऐसी किसी भी मूर्ती के निर्माण पर रोक लगाई है जो मिट्टी और पानी में प्राकृतिक तरीके से नहीं घुलते-मिलते हैं, इसमें कई प्रदूषणकारी तत्व शामिल होते हैं। इसके बाद भी शहर में पीओपी प्रदूषणकारी तत्वों का उपयोग मूर्ति बनाने में खुलेआम हो रहा है।

सरकार के सख्त निर्देश-

इस सख्त नियम को 16 सितंबर को पर्यावरण सुरक्षा कानून के सेक्शन 5 के तहत् जारी किए गए हैं। मिशन के निर्देश के मुताबिक़ ऐसे किसी भी पदार्थ से मूर्तियां नहीं बनाई जा सकेंगी जो पानी और मिट्टी में घुलनशील नहीं हों, खासकर ऐसी मूर्तियां जिनका विसर्जन गंगा या उसकी सहायक नदियों में होना है। इन पदार्थों में प्लास्टर ऑफ पेरिस, थर्मोकोल, पकाई हुई मिट्टी और रेजिन फाइबर्स शामिल हैं। विसर्जित की जाने वाली मूर्तियों को रंगने के लिए किसी भी नकली पेंट, रंग के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

मूर्तिकार पीओपी का इस्तेमाल कर दूषित कर रहें है पानी

इतने रुपये का लगेगा ज़ुर्माना-

मूर्ति निर्माण और विसर्जन पर सरकार के सख्त कदम के इन निर्देशों को लागू करने की ज़िम्मेदारी ज़िला प्रशासन को दी गई है। इसे लागू करने के लिए एक समन्वय समिति बनाने का सुझाव दिया गया है जिसके प्रति ये कार्य जल्दी हो सकेगा, समिति में जिला प्रशासन के अधिकारियों के अलावा पुलिस, नगर निगम और स्थानीय एनजीओ के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस समिति को सभी पूजा पंडालों के साथ मिलकर जागरूकता फैलाने का भी काम दिया गया है। किसी भी आदेश के उल्लंघन के लिए जिलाधिकारी को 50000 रुपया ज़ुर्माना लगाने का अधिकार दिया गया है। ज़ुर्माने की रक़म राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करवाई जाएगी।

लागू होंगे ये नियम

  • गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन-पूजा सामग्री प्रवाहित करने के खिलाफ नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा।

  • 16 सितंबर को पर्यावरण सुरक्षा कानून के सेक्शन 5 के तहत ये निर्देश उन राज्यों को दिए गए हैं

  • सहायक नदियों में मूर्तियों के विसर्जन को रोकने के लिए भारी-भरकम जुर्माने की व्यवस्था।

  • कोई शख़्स अगर इन निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसे राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 50 हज़ार रुपये का जुर्माना भरना होगा।

  • सन 2014 में केंद्र सरकार ने गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने-संरक्षण के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट खर्च के साथ नमामि गंगे पहल शुरू की थी।

  • वहीं 2017 में एनजीटी ने गंगा में किसी भी कचरे के निपटान पर पाबंदी लगा दी थी।

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