DRDO ने रचा इतिहास- भारत में बनी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का सफल परीक्षण
DRDO ने रचा इतिहास- भारत में बनी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का सफल परीक्षण Social Media
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DRDO ने रचा इतिहास- भारत में बनी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का सफल परीक्षण

Author : Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। दुनियाभर में कोरोना वायरस का खौफ, तो वहीं दूसरी ओर पड़ोसी दुश्मन देशों से युद्ध जैसे खतरों के बीच भारत एक के बाद एक लगातार कई मिसाइलों का सफल परीक्षण कर दुश्मन के होश उड़ा रहा है और देश के मिसाइल जखीरे में इजाफा हो रहा है। अब आज शुक्रवार (9 अक्‍टूबर) को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है।

मिसाइल 'रुद्रम' का सफलतापूर्वक परीक्षण :

दअरसल, आज रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने पूर्वी तट से सुखोई-30 लड़ाकू विमान से एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया, इस मिसाइल को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है।

देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल :

डीआरडीओ ने कहा, ''रुद्रम भारतीय वायुसेना के लिए बनाई गई देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल है जिसे डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। इस मिसाइल को लॉन्च प्लेटफॉर्म के रूप में सुखोई एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में एकीकृत किया गया है, इसमें लॉन्च स्थितियों के आधार पर अलग-अलग रेंज की क्षमता है।''

इसमें अंतिम हमले के लिए पैसिव होमिंग हेड के साथ आईएनएस-जीपीएस नेविगेशन है। 'रुद्रम' ने रेडिएशन लक्ष्य को पिनपॉइंट सटीकता से मारा। पैसिव होमिंग हेड एक विस्तृत बैंड पर लक्ष्य का पता लगाने, वर्गीकृत करने और लक्ष्य को इंगेज करने (उलझाने) में सक्षम है।
डीआरडीओ

रक्षा मंत्री ने दी DRDO को बधाई :

DRDO द्वारा सुखोई-30 लड़ाकू विमान से एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम' का सफलतापूर्वक परिक्षण के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर DRDO को बधाई दी। राजनाथ सिंह ने ट्वीट में लिखा, ''डीआरडीओ, भारत ने 'सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफल परीक्षण किया है जो पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता में एक बड़ी उपलब्धि होगी।''

मिसाइल की खासियत :

भारत में निर्मित ये अपनी तरह की पहली मिसाइल है, जो कितनी भी ऊंचाई से दागी जा सकती है। मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ने में सक्षम है, साथ ही अपनी रडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है, फिलहाल मिसाइल डेवलेपमेंट ट्रायल में जारी है। ट्रायल पूरा होने के बाद जल्द ही इन्हें सुखोई और स्वदेशी विमान तेजस में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

बताते चलें, इसी हफ्ते की शुरुआत में DRDO ने ओडिशा के तटीय इलाके में सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ ऑफ टॉरपीडो (SMART) का सफल परीक्षण किया था।

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