इंदिरा गांधी पुण्यतिथि
इंदिरा गांधी पुण्यतिथि Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

इंदिरा गांधी के वो फैसले जिन्होंने इतिहास में दर्ज किया उनका नाम, जानिए उनके बारे में

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। दुनियाभर में 'आयरन लेडी ऑफ इंडिया' के नाम से जानी जाने वाली देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज पुण्यतिथि है। आज ही के दिन यानि 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के बॉडीगार्ड ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इंदिरा ना केवल देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं थी, उनके लिए फैसलों की आज भी देश सराहना करता है। इतिहास के पन्नों पर आज भी उनका नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। वे नारी शक्ति का बेमिसाल प्रतीक रही है। आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर हम आपको उनके कुछ अहम फैसले बताने वाले हैं।

बैंकों का राष्ट्रीयकरण :

इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने 19 जुलाई 1969 को एक अध्यादेश पारित करते हुए देश के ऐसे 14 बड़े प्राइवेट बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने का फैसला किया, जिनमें देश के करीब 70 फीसदी लोगों का पैसा जमा था। यह फैसला इंदिरा ने देश में आर्थिक समानता को बढ़ावा देने के लिए लिया था।

पाकिस्तान से बना बांग्लादेश :

साल 1971 के पाकिस्तानी सेना, पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) के नागरिकों पर काफी जुल्म कर रही थी। इससे बचने के लिए वहां के लोग भागकर भारत आने लगे। इस परिस्थिति को देखते हुए इंदिरा गांधी ने पाकिस्तानी सेना को सबक सिखाने के लिए भारत की सेना को आगे किया। इस युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी और साथ ही पाकिस्तान के टुकड़े हुए और बांग्लादेश का जन्म हुआ।

आपातकाल :

आज भी भारत के इतिहास में इस दिन को काला दिन कहा जाता है। दरअसल साल 1975-1977 के दौरान इंदिरा गांधी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दर्ज हुई और इस याचिका पर हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी के खिलाफ अपना फैसला सुनाया। इसके साथ ही संसद से भी उन्हें इस्तीफा देने को कहा गया। मगर इंदिरा गांधी ने इस फैसले को मानने से इनकार करते हुए 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा कर दी। इसके उपरांत विरोध-प्रदर्शन करने वाले कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। यह आपातकाल करीब 19 महीने तक लगा था।

ऑपरेशन ब्लू स्टार :

बात उस समय की है जब जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसकी सेना भारत देश का बंटवारा करने पर तुले हुए थे। वे पंजाबियों के लिए एक अलग देश 'खालिस्तान' की मांग कर रहे थे। उसने अपने प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए अमृतसर के गोल्डन टेंपल पर भी कब्ज़ा कर लिया। जिसके बाद इंदिरा गांधी ने भिंडरावाले और उसके साथियों को मारने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाने का आदेश दिया। इस ऑपरेशन में भिंडरावाले के साथ ही उसके साथी भी मारे गए, लेकिन साथ में कुछ आम नागरिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। कहा जाता है कि इस ऑपरेशन का बदला लेने के लिए ही इंदिरा गांधी की हत्या की गई थी।

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