डीजीपी दिलबाग सिंह
डीजीपी दिलबाग सिंह Social Media
जम्मू और कश्मीर

कश्मीर में बड़े आतंकी संगठन का हुआ खात्मा

Priyanka Sahu

राज एक्‍सप्रेस। जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी हैं, यहां मंगलवार को घाटी में जाकिर मूसा गिरोह के अंतिम सरगना अब्दुल हमीद ललहारी के साथ दो अन्‍य आतंकियों को मार गिराया है। वहीं जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आतंकी गतिविधियों को कुचलने के लिए उठाए जा रहे कदम और मौजूदा हालात पर विस्तृत जानकारी दी।

त्राल के राजपुरा में हुए एनकाउंटर में गजवत-उल-हिंद के तीन आतंकियों को मारे जाने के साथ ही इस आतंकी संगठन का खात्मा कर दिया गया है।
डीजीपी दिलबाग सिंह

बौखलाया पाकिस्तान :

इसके अलावा डीजीपी ने यह दावा किया है कि, गजवत-उल-हिंद फिलहाल खत्म हो गया है और उग्रवाद पर नकेल कसे जाने पर पाकिस्तान भी बौखला गया है, सीजफायर उल्लंघन की आड़ में घुसपैठिये भेजने की कोशिश कर रहा है। साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा है कि, जो भी बंदूक उठाएगा वो गोली खाएगा।

मूसा के बाद ग्रुप की कमांड हमीद ललहारी को मिली :

दिलबाग सिंह ने बताया कि, ''मंगलवार देर रात त्राल के राजपुरा में मारे गए तीनों लोकल मिलिटेंट अंसार गजवत-उल-हिंद का हिस्सा थे। जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद ग्रुप की कमांड हमीद ललहारी को दी गई। ललहारी तब से इसे चला रहा था और दूसरों को मोटिवेट किया था। मूसा के बाद यह ग्रुप खत्म हो रहा था, लेकिन ललिहारी ने युवाओं को मोटिवेट करके इसमें शामिल किया। इसी तरह मारे गए आतंकी नवीद और जुनैद इसमें शामिल हुए। तीनों अवंतीपुरा-पुलवामा के रहने वाले थे।''

डीजीपी के मुताबिक, आतंकी संगठन लश्‍कर ए तैयबा ने अब हिज्बुल मुजाहिद्दीन के साथ हाथ मिला लिया है, उन्‍होंने युवाओं से मुख्‍यधार में बने रहने की भी अपील की। बता दें कि, आतंकी हमीद ललिहारी ने अंसार गजवात उल हिंद की कमान संभालने के बाद से ही घाटी पर कई युवाओं को भटकाकर आतंकी बनाने का काम किया है।

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