श्रीनगर। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शनिवार को कई स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों और उनके सहयोगियों द्वारा हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सिम के उपयोग लेकर प्रदेश में छापेमारी की जा रही है।
जांच एजेंसी ने मोबाइल सिम जारी करने और आतंकवादियों द्वारा कथित रूप से उनका दुरुपयोग किए जाने को लेकर 11 अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की है और पूरे प्रदेश में 19 परिसरों में छापेमारी की।
एक बयान में कहा गया, "आतंकवादियों, उनके सहयोगियों, नशीले पदार्थों के तस्करों और अन्य अपराधियों द्वारा सिम कार्ड के लगातार बढ़ते दुरुपयोग को लेकर यह कार्रवाई की गई।"
बयान में कहा गया कि अधिकांश परिसर प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) विक्रेताओं के थे, जिन्होंने इन कार्डों को दूरसंचार विभाग के नियमों का उल्लंघन करते हुए इस तरह से बेचा। यह जालसाजी और धोखाधड़ी के बराबर है।
जांच एजेंसी ने बताया कि तीन मामलों की शुरुआती जांच से पता चला है कि सीमा पार अपने आकाओं और जम्मू-कश्मीर में अन्य मॉड्यूल के साथ संचार बनाए रखने में आतंकवादियों की मदद करने के लिए सिम खरीदे गए थे।
एसआईए ने बताया कि कुलगाम के चावलगाम में एक पीओएस विक्रेता ने मेसर्स एयरटेल माइक्रो वर्ल्ड के नाम से गौहर अहमद हाजम के फर्जी डॉक्यूमेंट पर एक सिम कार्ड इश्यू किया और उसे कुलगाम के कैमोह में एक व्यक्ति को दिया, जो आतंकवादी संगठन अंसार-उ-गजवातुल हिंद का सक्रिय आतंकवादी है।
वहीं, एक अन्य मामले में अनंतनाग के मीर मोहल्ला मंघल में एक पीओएस विक्रेता ने एक ग्राहक के लिए एक सिम कार्ड जारी किया, जिसने इसे हिजबुल मुजाहिदीन संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता को सौंप दिया। तीनों के घरों - विक्रेता, ग्राहक और ओजीडब्ल्यू - की तलाशी ली गई, ताकि कुछ सबूत हाथ लग सके।
तीसरे मामले में, एक पंपोर के कोनिबाल से, दूसरा बडगाम के इचगाम, तीसरा श्रीनगर के बरजुल्ला और चौथा लासजन के चार पीओएस विक्रेता लोगों की पहचान पत्रों का दुरुपयोग कर सिम जारी किया करते थे।
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