कश्मीर की महिलाएं रोक सकती हैं पुरुष को आतंकवादी बनने से : पांडे
कश्मीर की महिलाएं रोक सकती हैं पुरुष को आतंकवादी बनने से : पांडे Social Media
जम्मू और कश्मीर

कश्मीर की महिलाएं रोक सकती हैं पुरुष को आतंकवादी बनने से : पांडे

Author : News Agency

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के श्रीनगर स्थित 15 कोर के जनरल-ऑफिसर-कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने कश्मीरी महिलाओं से घर से बाहर निकलने और युवाओं को राष्ट्र विरोधी ताकतों से दूर रहने का आग्रह करते हुए कहा कि मां, बहन और बेटियां घर के पुरुषों को आतंकवाद के रास्ते पर चलने से रोक सकती हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा, ''हमें अपने बच्चों और समाज को दुश्मनों से दूर रखना चाहिए और अपने प्रियजनों के हाथों में हथियार रखने के लिए उनसे सवाल करना चाहिए। केवल मां, बहन और बेटी घर के पुरुषों को आतंकवाद के रास्ते पर चलने से रोक सकती हैं। उन्होंने श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में अंतर्राष्ट्रीय महिला समानता दिवस मनाने के लिए सेना द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को उक्त बातें कहीं।"

उन्होंने कहा, ''मेरी कश्मीर की महिलओं से आग्रह है कि वे घर से बाहर निकलें और यह सुनिश्चित करें कि उनके घर के युवा हमारे देश के दुश्मनों से महफूज रहें।" लेफ्टिनेंट जरनल पांडे ने कहा कि यह तभी पूरा किया जा सकता है जब महिलाएं इस प्रयास में सुरक्षा बलों और नागरिक प्रशासन की मदद करें। उन्होंने कहा कि ज्यादातर पुरुष डर के कारण इन मुद्दों पर बात नहीं कर पाते हैं, लेकिन घर की महिलाएं हमेशा अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर इस पर ज्यादा ध्यान रखती है। जब महिलाएं इस पर बोलती है तो चीजें परस्पर उनकी ओर ध्यान आकर्षित होने लगती है।

सेना कमांडर ने कहा कि अब महिलाएं हर क्षेत्र में हिस्सा ले रहीं हैं लेकिन उन्हें इसका श्रेय नहीं मिलता। उन्होंने कहा, ''हमें एक समाज के रूप में उनके काम को महत्व देने और उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है। घाटी में कई महिलाओं को बागों में काम करते देखा जा सकता है। अब महिलाएं कैफे और रेस्टोरेंट समेत स्टार्टअप खोल रही हैं। बस उन सभी को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।"

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