कारगिल विजय दिवस
कारगिल विजय दिवस Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

Kargil Vijay Diwas : कारगिल के वो हीरो, जिनके शौर्य को सलाम कर रहा है हिंदुस्तान

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मना रहा है । कारगिल जैसे दुर्गम क्षेत्र को दुश्मनों के कब्जे से मुक्त कराना बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन हमारे देश के वीर जांबाजों ने जिस साहस का परिचय दिया था, उसे आज पूरा देश सलाम कर रहा है। वैसे तो कारगिल युद्ध के अनगिनत हीरो हैं, लेकिन आज हम उन्ही में से 5 हीरो के बारे में जानेंगे, जिन्होंने युद्ध के दौरान अपनी बहादुरी से दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे।

कैप्टन विक्रम बत्रा :

कारगिल युद्ध के दौरान विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) ने बहुत ही बहादूरी से लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने और उनके साथियों ने कई महत्वपूर्ण प्वांइट को दुश्मनों के कब्जे से मुक्त कराया था। उनके साहस को देखते हुए युद्ध के दौरान ही उन्हें लेफ्टिनेंट से कैप्टन बनाया गया था। युद्ध के दौरान शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

कैप्टन विक्रम बत्रा

लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे :

1/11 गोरखा राइफल्स के जवान रहे मनोज कुमार (Manoj Kumar Pandey) और उनकी टीम को कारगिल युद्ध के दौरान खालूबार को फ़तह करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस दौरान मनोज कुमार और उनकी टीम ने पाकिस्तानी सैनिकों के कई बंकरों को तबाह कर दिया था। 24 वर्ष की उम्र में मनोज कुमार ने अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। मनोज कुमार को भी मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे

सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव :

कारगिल युद्ध में घातक प्लाटून को टाइगर हिल मौजूद तीन बंकरों पर कब्जा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके हिस्सा रहे योगेंद्र सिंह (Yogendra Singh Yadav) ने कई गोलियां लगने के बावजूद लड़ाई जारी रखी। योगेंद्र सिंह जैसे जांबाजों के कारण ही घातक प्लाटून ने अपना मिशन पूरा किया। योगेंद्र सिंह यादव को सर्वोच्च सैन्य अलंकरण परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव

सुल्तान सिंह नरवरिया :

मध्य प्रदेश के भिंड में जन्मे राजपुताना राइफल्स रेजीमेंट के जवान हवलदार सुल्तान सिंह नरवरिया (Sultan Singh Narvariya) ने युद्ध के दौरान जख्मी होने के बावजूद लड़ाई लड़ी और टोलोलिंग पहाड़ी पर बनी चौकी को आजाद करवाकर वहां तिरंगा लहराया। उन्हें मरणोपरांत वीरचक्र से सम्मानित किया गया था।

सुल्तान सिंह नरवरिया

लांस नायक दिनेश सिंह भदौरिया :

दिनेश सिंह का जन्म भी मध्यप्रदेश के भिंड में ही हुआ था। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने दुश्मनों को भारी नुकसान पहुंचाया था। युद्ध के दौरान शहीद हुए लांस नायक दिनेश सिंह भदौरिया (Lance Naik Dinesh Singh Bhadoria) को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

लांस नायक दिनेश सिंह भदौरिया

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