सुब्रह्मण्यम स्वामी बर्थडे
सुब्रह्मण्यम स्वामी बर्थडे Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

तीन महीने में चीनी भाषा सीखने से लव स्टोरी तक, खूबसूरत रही है सुब्रह्मण्यम स्वामी की लाइफ

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। हिन्दू राष्ट्रवादी नेता एवं सनातन धर्म के प्रचारक के रूप में पहचाने जाने वाले सुब्रह्मण्यम स्वामी आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 15 सितंबर 1939 को तमिलनाडु के मायलापुर में हुआ था। वे जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह भी चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने विश्व व्यापार संगठन के श्रमिक मानकों के निर्धारण में भी अहम भूमिका निभाई। लेकिन आज हम आपको उनकी ऐसी बातें बताने वाले हैं। जिनसे आप भी अंजान होंगे।

सुब्रह्मण्यम स्वामी की लव स्टोरी :

जब सुब्रह्मण्यम स्वामी पढ़ाई करने के लिए हार्वर्ड गए थे, तब उनकी मुलाकात एक पारसी लड़की रोक्सना से हुई। रोक्सना मुंबई की रहने वाली थीं और मैथमैटिक्स की पढ़ाई करने के लिए वहां गई थीं। यहां एक ही नजर में स्वामी को रोक्सना पसंद आ गईं। उनके बीच प्यार की शुरुआत ऐसे हुई जब स्वामी ने रोक्सना को पंडित रविशंकर के म्यूजिक प्रोग्राम की टिकट बेचने की कोशिश की। यहां से दोनों के बीच प्यार का सिलसिला शुरू हुआ, और आखिरकार 10 जून 1966 को सुब्रमण्यम स्वामी और रोक्सना कपाड़िया ने शादी की। इनकी शादी में 40 डॉलर का खर्च आया था, जिसकी व्यवस्था एक चीनी बौद्ध ने की थी।

तीन महीने में सीखी थी चीनी भाषा :

बात उस समय की है जब स्वामी को किसी ने चीन की मंदारिन भाषा को एक साल के भीतर सीखने का चैलेंज किया था। दरअसल यह भाषा बहुत मुश्किल है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने चैलेंज को स्वीकार किया। यही नहीं सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस चैलेंज को एक साल नहीं बल्कि महज तीन महीने में सीखकर सबको हैरान कर दिया।

सुब्रह्मण्यम स्वामी का राजनैतिक सफर :

सुब्रह्मण्यम स्वामी साल 1974 से लेकर 1976 तक राज्यसभा सांसद रहे। लेकिन जब 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई तो स्वामी के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। इसके बावजूद वे संसद सत्र में शामिल हुए और सिख के परिवेश में देश से बाहर निकले। साल 1977 और साल 1980 के दौरान स्वामी लोकसभा के लिए चयनित हुए। इसके अलावा वे 1988 से 1994 के दौरान दो बार राज्यसभा सांसद भी रहे। साथ में साल 1990-91 के दौरान वे कैबिनेट मंत्री भी बने। स्वामी साल 1990 में जनता दल की स्थापना के बाद साल 2013 तक पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। लेकिन साल 2013 के दौरान उन्होंने पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT