विक्रम साराभाई जयंती
विक्रम साराभाई जयंती Naval Patel -RE
भारत

विक्रम साराभाई की प्रेम कहानी, जिससे देश को मिला सबसे बड़ा मैनेजमेंट कॉलेज

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। जब भी भारत के सबसे महान वैज्ञानिक का जिक्र होता है, उसमें विक्रम साराभाई का नाम सबसे ऊपर आता है। उन्होंने देश के लिए जो किया, वह अतुलनीय है। 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद में जन्मे विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक भी कहा जाता है। इसके अलावा परमाणु ऊर्जा विकसित करने में भी साराभाई ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साराभाई खुद तो महान वैज्ञानिक तो थे, साथ ही उन्होंने अपने नेतृत्व में अब्दुल कलाम सहित कई महान वैज्ञानिक भी तैयार किए। साराभाई की उपलब्धियों के बारे में तो हम सभी जानते ही हैं, लेकिन आज हम उनकी प्रेम कहानी के बारे में जानेंगे, जिसके चलते देश को सबसे बड़ा मैनेजमेंट कॉलेज मिला।

विक्रम और मृणालिनी :

एक बार विक्रम साराभाई ऊंटी जा रहे थे। इस दौरान वह मद्रास में बैरिस्टर सुब्बारामा स्वामीनाथन के घर रूके। यहां उनकी मुलाकात मशहूर डांसर मृणालिनी से हुई। कहा जाता है कि विक्रम को पहली नजर में ही मृणालिनी से प्यार हो गया था। इसके बाद दोनों की मुलाकात ऊंटी में भी हुई, जहां विक्रम को टेनिस खेलता देख मृणालिनी भी उन पर फ़िदा हो गई। इस तरह दोनों का प्यार आगे बढ़ा और साल 1942 में दोनों ने शादी कर ली।

विक्रम और मृणालिनी

विक्रम और कमला :

मृणालिनी की सहेली का नाम कमला था। कमला के पति उस समय लाहौर के सबसे बड़े अधिकारी थे। दिवाली पर किसी ने कमला के पति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पति की हत्या के बाद कमला सोशल साइकोलॉजी से एमए करने के लिए अमेरिका चली गई। इसके बाद जब वह भारत लौटी तो मृणालिनी ने कमला को अहमदाबाद बुला लिया। उस समय विक्रम देश का पहला टेक्सटाइल रिसर्च इंस्टीट्यूट खोलने में बिजी थे। मृणालिनी के कहने पर विक्रम ने कमला को नौकरी पर रख लिया। उन दिनों मृणालिनी डांस करने के लिए विदेशों में जाती थी जबकि दूसरी तरफ विक्रम और कमला की रोजाना इंस्टीट्यूट में मुलाकात होती थी। इस तरह काम के दौरान विक्रम और कमला एक-दूसरे के करीब आ गए।

विक्रम और कमला

अहमदाबाद को मिला आईआईएम :

जब कमला को पता चला कि वह विक्रम और मृणालिनी के बीच में आ रही है तो वह दुखी हो गई और उन्होंने अहमदाबाद छोड़कर दिल्ली जाने का फैसला कर लिया। इस दौरान विक्रम ने कमला को रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। आखिर में विक्रम ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरु से बात कर अहमदाबाद में ही आईआईएम खुलवाया और कमला को रिसर्च डायरेक्टर बना दिया। इसके बाद कमला अहमदाबाद में रुक गईं। कमला के भतीजे सुधीर ने भी अपनी किताब में इसका जिक्र करते हुए लिखा है कि, ‘विक्रम और कमला का प्यार आखिरी सांस तक जीवित रहा था।’

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