बरगी बांध के 13 गेट खुले, बांध देखने पहुंच रहे नागरिक
बरगी बांध के 13 गेट खुले, बांध देखने पहुंच रहे नागरिक Social Media
मध्य प्रदेश

जबलपुर : बरगी बांध के 13 गेट खुले, बांध देखने पहुंच रहे नागरिक

Author : राज एक्सप्रेस

जबलपुर, मध्य प्रदेश। मंगलवार की दोपहर को बरगी बांध के गेट खोल दिए गए। बरगी बांध के गेट को खुलने की जानकारी जैसे ही नागरिकों व पर्यटकों को लगी तो वह गेट के खोले जाने वाले दृश्य को देखने के लिए बरगी बांध गेट के समक्ष पहुंच गए। यहां पर भारी संख्या में नागरिकों की भीड़ दिखाई दी, जो बरगी बांध के गेट के खुलने के नजारे को अपने-अपने कैमरे में कैद करते हुए दिखे।

बताया गया है कि बरगी बांध के ऊपरी हिस्से की तरफ भारी बारिश होने के कारण बांध में क्षमता से अधिक मात्रा में पानी एकत्रित होने लगा था, जिसको देखते हुए प्रशासन के द्वारा बरगी बांध के गेट को खोलने का निर्णय लिया गया और दोपहर के वक्त बरगी बांध के 13 गेट को खोल दिया गया।

नर्मदा के तटीय एवं जल भराव क्षेत्र से दूर रहने की अपील :

रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध के जलस्तर को नियंत्रित करने के लिये मंगलवार 18 अगस्त को दोपहर 2 बजे, बांध के 21 जलद्वारों में से 13 को खोल दिया गया। इन 13 जलद्वारों से एक लाख 21 लाख 660 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कलेक्टर भरत यादव ने नागरिकों से कहा है कि बरगी बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से बांध के निचले हिस्से के नर्मदा के घाटों व तटों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होगी। इसलिये नर्मदा के तटीय एवं जलभराव और डूब क्षेत्र के रहवासी नर्मदा के तटों और घाटों से सुरक्षित और पर्याप्त दूरी बनायें रखें।

इस प्रकार खोले गए हैं बरगी बांध के गेट :

रानी अवन्ती बाई लोधी सागर परियोजना के अधीक्षण यंत्री डीएस ठाकुर ने बताया कि बांध के 21 गेट में से गेट नंबर 5 से गेट नंबर 17 तक कुल 13 गेट खोले गये हैं। ये 13 गेट 1.80 मीटर की ऊँचाई तक खोले गये हैं। खोले गये जलद्वारों से एक लाख 21 हजार 660 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा यहाँ स्थित जल विद्युत उत्पादन इकाइयों से भी 7063 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बरगी बांध खोलते समय दोपहर 2 बजेए बांध का जलस्तर 421.60 मीटर रिकार्ड किया गया था। यह बांध के पूर्ण जलभराव स्तर 422.76 मीटर से मात्र 1.16 मीटर कम है। बरगी बांध के जलभराव क्षेत्र में इस समय करीब एक लाख 96 हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। कार्यपालन यंत्री अजय सूरे के अनुसार बांध में वर्षा जल की आवक को देखते हुये जल निकासी की मात्रा को कभी भी घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।

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