पुलिस कमिश्नर सिस्टम को हुआ पूरा एक साल
पुलिस कमिश्नर सिस्टम को हुआ पूरा एक साल Raj Express
मध्य प्रदेश

कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद भोपाल में 20 प्रतिशत अपराधों में कमी आई : गृह मंत्री

राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी भोपाल के पुलिस कमिश्नर सिस्टम को 9 दिसंबर को सफलतम एक साल पूरा हो गया। पिछले साल 9 दिसंबर को भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हुआ था। शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर के कार्यालय में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि इस सिस्टम के लागू होने के बाद भोपाल में 20 प्रतिशत और इंदौर में 25 प्रतिशत अपराधों में कमी आई है। लूट, चोरी और डकैती जैसे बड़े मामलों में भी 10 प्रतिशत की कमी देखी गई है। इस एक साल में भोपाल पुलिस ने साइबर क्राइम के मामलों में एक करोड़ 14 लाख रुपए की बरामदगी की, तो वहीं इंदौर पुलिस ने तीन करोड़ रुपए जब्त किए हैं। गृहमंत्री ने कहा कि साइबर क्राइम एक गंभीर अपराध है। इसकी संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। ये ऐसा अपराध है जिसमें कोई व्यक्ति किसी भी जगह से अपने काम को अंजाम दे सकता है। हमारे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने साइबर क्राइम के अपराधी पीएफ आई और दूसरे राष्ट्र विरोधी संगठनों पर जिस तरह रोक लगाई, हम भी इस क्षेत्र में सफ लता की ओर बढ़ रहे हैं।

पुलिस थानों को दी जाती है रैंकिंग :

अब आम लोग पुलिस थानों को रैंकिंग देते हैं। शिकायत लेकर थाने आने वाले लोगों के पास कमिश्नर ऑफिस से फोन किया जाता है। जिसमें उनके साथ थाने में किस तरह व्यवहार किया गया इससे जुड़े सवाल किए जाते हैं। लोगों के जवाबों के आधार पर थानों को रैंकिंग दी जाती है।

अपराधाों में कमी दर्ज की गई :

इधर सालभर पूरा होने पर भोपाल पुलिस ने दावा किया कि इस एक साल में अपराधों की संख्या में भारी कमी आई है। 2021 में 2500 अपराध हुए थे, वहीं इस साल इनकी संख्या कम होकर लगभग 1300 रह गई है। साल भर में 9500 व्यक्तियों से बाउंड भरवाए गए हैं। क्राइम करने वाले पुराने अपराधियों के मामलों में कमी आई है। इसके साथ ही नए अपराधियों की संख्या भी कम रही है।

आधे से कम रह गई नए अपराधियों की संख्या :

2021 में 600 नए अपराधी सामने आए थे, जबकि इस साल ये आधे से भी कम रह गए हैं। 2022 में नए अपराधियों की संख्या 289 रही। संपत्ति से जुड़े मामलों में होने वाली बरामदगी 10 प्रतिशत तक बढ़ी है। वहीं चोरी हुई संपत्तियों की बरामदगी भी 10 प्रतिशत बढ़ी है। साथ ही गुम हुए बच्चों को अपने माता-पिता से मिलाने में भी तेजी आई है। पहले जहां इन बच्चों को घर पहुंचाने में 70 दिन का समय लगता था, 2022 में केवल 12 दिनों में बच्चों को अपने घर वापस पहुंचाया गया है।

तकनीकी रूप से ज्यादा सक्षम हुई पुलिस :

शहर की पुलिस तकनीकी रूप से ज्यादा सक्षम हुई है। पुलिस कमिश्नर सिस्टम के चलते लोन ऐप और पैसों से जुड़े साइबर क्राइम को सुलझाने में सफलता मिली है। इस साल आरोपियों ने आम लोगों को लगभग तीन गुनी राशि वापस की है। पुलिस कमिश्नर सिस्टम में रात्रि कॉम्बिंग गश्त बनाया गया था। इससे लगभग 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने गुंडों और वारंट जारी अपराधियों को पकड़ा। इन अपराधियों में 2000 से ज्यादा रात में गिरफ्तार किए गए। शहर की पुलिस ने प्रदर्शनों पर भी अपनी नजर बनाए रखी। इस साल बलवा-प्रदर्शनों में 31 प्रतिशत की कमी आई है। इसके चलते भोपाल का जनजीवन सामान्य चलता रहा।

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