राज एक्सप्रेस। इन्दौर शहर में अवैध मादक पदार्थों की खरीदी और ब्रिकी करने वाले 3 आरोपी क्राईम ब्रांच इंदौर की गिरफ्त में आये। आरोपियों तथा तस्करों पर अंकुश लगाने हेतु अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही करने के लिये इन्दौर पुलिस को निर्देशित किया गया है। उक्त निर्देशों के तारतम्य में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, द्वारा ऐसे कृत्यों में लिप्त अपराधियों की पहचान सुनिश्चित कर उनकी धरपकड़ हेतु पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किये गये थे।
मुखबिर तंत्र के माध्यम से मिली थी सूचना
क्राईम ब्रांच इंदौर की टीम को मुखबिर तंत्र के माध्यम से सूचना मिली थी राजस्थानी तस्करों द्वारा प्रतापगढ, झालावाड़ आदि जिलों से लगातार ड्रग्स लाकर मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थानीय तस्करों के माध्यम से सप्लाय की जा रही है। ये तस्कर भारी मात्रा में ड्रग्स लाकर अन्य साथीयों की मदद से इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, आदि जिलों में ऊँचे दामों में आपराधिक किस्म तथा नशे के आदी युवा वर्ग के लोगों को बेचकर मुनाफा कमाते हैं।
अपराधी 1 शंकरसिंह:
क्राईम ब्रांच की टीम ने कार्यवाही करते हुए तलाश जारी की, जिसमे शंकरसिंह पिता लालसिंह सोधिया ग्राम डोबड़ थाना डग का निवासी, जिला झालावाड़ राजस्थान को पुलिस अभिरक्षा द्वारा हिरासत में लिया गया, जिसकी मौके पर तलाशी लेने पर उसके कब्जे से लगभग 50 ग्राम से अधिक अवैध मादक पदार्थ नशीला ड्रग्स ब्राउन शुगर बरामद हुआ, आरोपी ने उपरोक्त मादक पदार्थ अवैध रूप से बेचना स्वीकार किया, जिसे गिरफ्तार कर थाना सेंट्रल कोतवाली में अपराध क्रमांक 224/19 धारा 08/21 स्वापक औषधि तथा मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
पुलिस टीम का कहना-आरोपी शंकर सिंह ने प्रांरभिक पूछताछ में पुलिस टीम को बताया कि, उसके पिता पूर्व में बीमारी से ग्रसित थे जिसका ईलाज कराने वह उज्जैन शहर स्थित अस्पताल में आया था, जहां उसके पिता भर्ती थे, वहां पर एक मंगला नामक औरत भी भर्ती थी, जोकि सजायाफ्ता कैदी होकर ईलाज वास्ते अस्पताल आई थी। मंगला के साथ उसका लड़का राहुल भी अस्पताल में मां की देखभाल हेतु मौजूद रहता था। ये लोग कई वर्षों से अवैध तरीके से ब्राउन शुगर की तस्करी करते आ रहे थे।
मंगला नामक महिला थाना चिंमनगंज जिला उज्जैन के अपराध में एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में जेल में निरूद्ध है जिसको माननीय न्यायालय से 12 वर्ष की सजा हुई है। मंगला के पुत्र राहुल ने आरोपी शंकर सिंह से दोस्ती करते हुये नये गिरोह को तैयार करवाया, जोकि परस्पर गिरोह के रूप में काम करने लगे तथा राहुल ने अपने अन्य साथियों की मदद से इस कारोबार को फैला लिया। जिनको आरोपी शंकरसिंह राजस्थान से ड्रग्स लाकर सप्लाय करता था, बाद में ये पांच से आठ गुना कीमत पर इंदौर के आसपास के सीमावर्ती जिला में बेचते थे। आरोपी शंकर सिंह ने बताया कि उसने राहुल तथा उसके साथी लोकू उर्फ लोकेश को ड्रग्स सप्लाय किया है।
अपराधी-2 राहुल :
राहुल पिता शंकर पवार उम्र 26 वर्ष निवासी गंगा नगर ईदगाह के पास उज्जैन! आरोपी राहुल का परिवार अपराधिक पृष्ठभूमि का है जिसके सभी परिजनों का आपराधिक रिकार्ड दर्ज है, आरोपी राहुल कक्षा 05 तक पढ़ा लिखा है तथा कई जिलों में ब्राउन शुगर की तस्करी का काम करते आ रहा है।
अपराधी-3 लोकेश:
लोकेश उर्फ लोकू पिता शिवदयाल जायसवाल उम्र 36 वर्ष निवासी 44/2 शिवशक्ति नगर उज्जैन को थाना कनाड़िया पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुये पकड़ा। जिसके कब्जे से लगभग 30 ग्राम अवैध ब्राउन शुगर सहित दो पहिया वाहन क्रमांक एमपी 13 एमजे 3543 बरामद हुई। आरोपियों को हिरासत में लेकर थाना कनाड़िया में अपराध क्रमांक 516/16 धारा 08/21 स्वापक औषधि तथा मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 के तहत प्रकरण कायम किया गया।
आरोपी लोकू उर्फ लोकेश कक्षा 08 वीं तक पढ़ा लिखा तथा एव्हरफ्रेश की दुकान चलाता है। यह एव्हरफ्रेश की दुकान की आड़ में शराब एवं ड्रग्स बेचने का काम भी करता था जोकि पूर्व में 02 बार आबकारी अधिनियम के तहत पकड़ा जा चुका है। इस प्रकार क्राईम ब्रांच की टीम ने थाना कनाड़िया व सेेंट्रल कोतवाली पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुये 03 आरोपियों को पकड़कर उनके कब्जे से लगभग 80 ग्राम अवैध ब्राउन शुगर बरामद करने में सफलता अर्जित की है।
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