क्षतिग्रस्त डिवाइडर बने दुर्घटना का कारण
क्षतिग्रस्त डिवाइडर बने दुर्घटना का कारण Mukesh Choudhary
मध्य प्रदेश

शिवपुरी: क्षतिग्रस्त डिवाइडर बने दुर्घटना का कारण, बचें तो बचें कैसे?

Author : Mukesh Choudhary

राज एक्सप्रेस। शिवपुरी शहर को सुंदर बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। सुंदर शहर बनाने की योजनायें तैयार कर ली गई हैं। बड़े-बड़े कार्यक्रमों से बड़े-बड़े वादे व दावे सुंदर शहर के लिये किये गये हैं। नगर प्रशासन कई कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छ व सुंंदर शिवपुरी की बात करता है। लेकिन वर्तमान हालातों पर किसी का ध्यान नहीं है। हमें भविष्य की योजनाओं को बनाने के साथ-साथ शहर के वर्तमान हालातों का भी ध्यान रखना चाहिये, जिससे आमजन को रोज-रोज जूझना पड़ता है।

सड़क के गड्ढों से यदि गाड़ी को बचाओ तो डिवाइडर में जा टकराती है

हम बात कर रहे हैं शहर की यातायात व्यवस्था के दौरान डिवाइडरों से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे उन आमजनों की जो शहर की सड़कों के बीचों बीच इसलिये निर्मित किये गये हैं ताकि सुलभ और सुरक्षित यातायात जनमानस को उपलब्ध हो सके। ना कि इसलिये कि ये डिवाईडर किसी के लिये जानलेवा बन जायें। अक्सर हमने व आपने देखा होगा कि जिन शहरों में सड़क के बीचों-बीच डिवाइडर बनाये जाते हैं उनके रख-रखाव व उनका सही ढंग से प्रबंधन का जिम्मा भी नगर प्रशासन का होता है। समय-समय पर उनकी रंगाई-पुताई की जाना। उन पर रेडियम पटि्टका लगी होना ताकि रात के समय लाइट ना होने के बावजूद भी गाड़ी की रोशनी पड़ने पर वह वाहन चालक को स्पष्ट नजर आ सकें।

सड़क के गड्ढे

मजे की बात तो यह भी है कि नगर पालिका प्रशासन में शहर के मेन्टीनेंस के नाम पर लाखों करोडों रूपया की राशि शासन-प्रशासन द्वारा भेजी जाती है बावजूद इसके शहर के इन डिवाइडरों की हालत बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुकी है। सड़क के गड्ढों से खुद को बचाते हैं तो डिवाइडर मुसीबत बन जाता है एक तो शिवपुरी शहर की गड्ढेदार सड़कें और ऊपर से बिना रंग-रोगन के रात के अंधेरे में नजर ना आने वाले जर्जर व्यवस्था में बने सड़क के बीचों-बीच डिवाईडर वाहन चालक के लिये परेशानी का सबब तब बन जाता है जब वाहन चालक अपनी गाड़ी को गहरे गड्ढे में जाने से बचाने का प्रयास करता है। ऐसे में चूॅकि सड़क के डिवाईडरों पर ना तो रंग रोगन है और ना ही रेडियम पटि्टका या किसी प्रकार का संकेत, ऊपर से यदि खराब मौसम या किसी अन्य कारण से सड़क की बिजली गुम हो जाये तो इस डिवाईडर से गाड़ी का टकराना स्वाभाविक हो जाता है। नतीजतन कई लोगों को ऐसे हालातों में डिवाईडरों से दुर्घटनाग्रस्त होते देखा गया है।

सड़क के गड्ढे

कई शहरों व नगरों में सड़कों के बीच डिवाईडरों पर सुंदर हरे भरे पेड़ पौधों को लगाकर इतना सुसज्जित बनाया जाता है कि वहां की सड़कों पर निकलने से मन प्रफुल्लित हो उठता है। लेकिन शिवपुरी की सड़कों पर हरे भरे पेड़ पौधे लगे होना तो बहुत दूर की बात है बने डिवाईडर देखकर कोई भी अनुमान लगा सकता है कि इनकी रंगाई-पुताई कई सालों से नहीं की गई है। इन पर किसी प्रकार की रेडियम पट्टिका नजर नहीं आती। इसलिये रात के अंधेरे में जब स्ट्रीट लाइट ना जलती हो अथवा स्ट्रीट लाईट खराब हो तब इन डिवाइडरों के नजर ना आने पर कई गाडि़यों को इनसे टकराते हुये देखा जाता है। इसके अलावा शिवपुरी शहर के डिवाईडरों पर यदि नजर डाली जाये तो कई जगह से खुदे पडे़, अस्त-व्यस्त हालत में बने डिवाईडर राहगीर वाहन चालकों के लिये परेशानी का सबब बने हुये हैं।

डिवाइडर के साथ सड़क के बीच खड़ी विद्युत डीपी बनी खतरा

शिवपुरी शहर में मुख्य मार्ग पर जहां बदहाल स्थिति में डिवाइडर परेशानी का सबब बना हुआ है। वहीं मुख्य चौराहों माधव चौक एवं गुरूद्वारा चौक पर डिवाइडर के साथ ही सड़क के बीचों बीच स्थापित बिजली के खतरनाक तारों से गुथी हुई डीपी भी किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण देती प्रतीत हो रहीं हैं। गौर करने लायक विषय यह है कि सड़क के बीच खड़ी ये बिजली डीपी अधिक पावर सप्लाई से युक्त होने के साथ इनके विद्युत तार घनी मात्रा में उलझे हुये सड]क से महज 3-4 फुट की ऊंचाई मात्र पर खतरा बने हुये लटक रहे हैं। इन डीपी पर कहीं कोई सांकेतिक चिन्ह अथवा खतरे का निशान अंकित नहीं किया गया है न ही रात के अंधेरे में इन पर कोई रेडियम पट्टिका ही लगाई है। जिससे इनके पास से गुजरने वाला वाहन चालक अथवा आम आदमी सावधानी पूर्वक गुजर सकें।

शहर में सड़क पर लगे कई खंभों पर चालू नहीं है स्ट्रीट लाईट

डिवाईडरों से वाहन चालक को वाहन सहित टकराने का मुख्य कारण स्ट्रीट लाईट का ना होना रात में बनता है, क्योंकि शहर में गुना बायपास से ग्वालियर बायपास तक यदि आप निकलोगे तो ऐसे कई खम्बे रास्ते में मिल जायेंगे जिन पर कई महिनों से स्ट्रीट लाईट बंद पड़ी हुई हैं। स्ट्रीट लाईट ना जलने से यहां रात के समय में अंधेरा पसरा रहता है और इसी अंधेरे में जब वाहन चालक की नजर सड़क के गड्ढों पर होती है और उसे डिवाइडर नजर ना आने पर गड्ढों से बचाने के चक्कर में इनसे टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है।

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