स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं प्रशासन
स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं प्रशासन Raj Express
मध्य प्रदेश

उमरिया : स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं प्रशासन

Author : राज एक्सप्रेस

उमरिया, मध्य प्रदेश। जिला चिकित्सालय में सांईनाथ पैरामेडिकल कालेज के छात्र-छात्राओं की एक बड़ी फौज को इन दिनों पूरे अस्पताल में कार्य करते देखा जा रहा है, इन छात्रों द्वारा वह सारे कार्य किए जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारी अपनी डिग्री के अनुसार करते हैं, परन्तु सांईनाथ पैरामेडिकल कालेज के छात्र स्वास्थ्य महकमे के डिग्रीधारियों की कुर्सियों पर बैठ बीमार को स्वास्थ्य सेवाएं देने में लगे हुए हैं। जिला चिकित्सालय में पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं ने अपना कब्जा किया हुआ है, जिसमें संवेदनशील जगह जैसे एक्स रे, इंजेक्शन रूम, पैथालॉजी के साथ-साथ संक्रमित क्षेत्रों पर भी ये छात्र बिना किसी सुरक्षा के पूरा कार्य करते लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं। तो वहीं इन जगहों के पदस्थ जिम्मेदारों ने पैरामेडिकल के छात्रों के भरोसे बीमारों को छोड़ दिया है।

ट्रेनर रहते हैं नदारद :

सूत्रों की मानें तो छात्रों को कालेज की तरफ से एक ट्रेनर को अस्पताल में आकर छात्रों को ट्रेनिंग देना होता है और सिखाना होता है, परन्तु कालेज के जिम्मेदार ट्रेनर अस्पताल नहीं आते तो वहीं छात्र भी बगैर गुरू को एकलव्य बन रहे हैं। अस्पताल के विभिन्न वार्डो में कार्य सांईनाथ पैरामेडिकल कालेज के छात्र-छात्राओं को बिना द्रोणाचार्य के ही ज्ञान अर्जित कर एकलव्य बनना पड़ रहा है, सूत्रों की मानें तो, अगर कोई छात्र एकलव्य भी न बन पाए तो भी ये कॉलेज मुन्ना भाई बनाकर डिग्री दिलवाने से भी पीछे नहीं हटता। बीते कुछ वर्ष पूर्व पकड़े गए मुन्ना भाई का उदाहरण कालेज ने खुद ही दे दिया है।

जिम्मेदारों पर लगता प्रश्नचिन्ह :

उक्त कॉलेज के छात्रों के कार्य करने की वजह से पूरे चिकित्सा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है, वहीं जिम्मेदार आरएमओ और सिविल सर्जन भी सवालों के घेरे में आते है, सूत्रों की मानें तो साईंनाथ के किसी छात्रों द्वारा ग्राम चंदौल की महिला एक्स-रे कराने थी, जिससे 300 रूपये ले लिया गया, परंतु वहीं अस्पताल में मरीज की परिचित आशा कार्यकर्ता मिल गई और बातों बात में पैसा ले लेने की बात सामने आ गई, जिस पर आशा कार्यकर्ता ने एक्स-रे रूम में जाकर हो हल्ला शुरू कर दिया, मामले को बढ़ता देख मरीज से लिए पैसे वापस कर दिए गए और मामला शांत करा दिया गया।

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