रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में दोषी पाए गए आकाश दुबे को भेजा जेल
रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में दोषी पाए गए आकाश दुबे को भेजा जेल Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में दोषी पाए गए आकाश दुबे को भेजा जेल

Author : Kavita Singh Rathore

भोपाल, मध्यप्रदेश। पिछले दिनों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कोरोना संकट के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के कई मामले सामने आये थे। जिसके बाद प्रदेश की शिवराज सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन में नजर आई। इसी बीच भोपाल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में दोषी पाए गए "आकाश दुबे" को जेल भेज दिया गया है।

आकाश दुबे को भेजा गया जेल :

दरअसल, भोपाल में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले जेके अस्पताल (1250) के आकाश दुबे ने पिछले दिनों खुद को कोलार थाने में सरेंडर कर दिया था। वहीं, अब पुलिस ने आकाश को तीन दिन की रिमांड के बाद जेल भेज दिया है। हालांकि, पुलिस द्वारा आकाश से की गई पूछताछ के कोई खास जानकारी सामने नहीं आई है। इसके अलावा कोर्ट में मीडिया द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर आकाश दुबे का कहना है कि, वह निर्दोष है। साथ ही उसने इस दौरान मदद करने की बात भी कही।

पुलिस को थी आकाश की तलाश :

खबरों की मानें तो आकाश दुबे पर रासुका लगाने के लिए फाइल भोपाल कलेक्टर को भेजी गई। बता दें, पुलिस ने आकाश दुबे पर 7500 हजार रुपए का ईनाम रखा था, लेकिन उससे पहले उसने खुद को सरेंडर कर दिया था। आकाश स्वयं ऑटो से थाने गया उसके बाद से वह पुलिस की कस्टडी में ही था। हालांकि, पुलिस आकाश से पहले ही आकाश से इंजेक्शन खरीदने वाले इंदौर सीट कवर के मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी। उसके बाद से पुलिस को आकाश की तलाश थी जिसने पिछले दिनों खुद सरेंडर कर दिया।

पुलिस ने किया इतने लोगों को गिरफ्तार :

बताते चलें, कोलार पुलिस ने 13 मई की रात 12:45 बजे सिग्नेचर रेसीडेंसी के पास कुछ संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों की पहचान सिग्नेचर रेसीडेंसी कोलार निवासी अंकित सलूजा (36), दिलप्रीत उर्फ नानू सलूजा (26) और ग्रीन मिडोज अरेरा हिल्स निवासी आकाश सक्सेना (25) के तौर पर हुई थी। इनमे से दिलप्रीत उर्फ नानू की भोपाल में ही MP नगर में इंदौर सीट कवर के नाम से दुकान है। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तर किया तब उसके पास से 5 रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद हुए थे। इसके बाद मौके पर पकड़े गए अंकित ने बताया था कि,

28 अप्रैल 2021 में उसने जेके अस्पताल में काम करने वाले आकाश दुबे से इंजेक्शन 25 हजार में खरीदा था। उसने आकाश को ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए थे। इसके बाद 8 मई को उसने आकाश से पांच और इंजेक्शन खरीदे थे। इस बार एक इंजेक्शन 12 हजार के हिसाब से मिले। उसने 60 हजार रुपए आकाश को ऑनलाइन ट्रांसफर किए। करीब 3 दिन पहले उसने आकाश से फिर पांच इंजेक्शन खरीदे, लेकिन इस बार आकाश ने 12 हजार की जगह 1 इंजेक्शन 16 हजार रुपए में दिया। उसने 80 हजार रुपए आकाश को नकद दिए थे।'
अंकित, आरोपी

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