आंध्र सरकार ने सुलियारी कोल ब्लॉक से उत्पादन के लिए मध्य प्रदेश सरकार से मांगा सहयोग
आंध्र सरकार ने सुलियारी कोल ब्लॉक से उत्पादन के लिए मध्य प्रदेश सरकार से मांगा सहयोग सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

आंध्र सरकार ने सुलियारी कोल ब्लॉक से उत्पादन के लिए मध्य प्रदेश सरकार से मांगा सहयोग

Author : Prem N Gupta

सिंगरौली, मध्यप्रदेश। कोयले की कमी के कारण बिजली कटौती के हालात को देखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाले आंध्र प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एपीएमडीसी) जिले में सुलियारी कोल ब्लॉक में जल्द उत्पादन शुरू करने में जुटी है। आंध्र प्रदेश सरकार ने सिंगरौली के कोल ब्लॉक से उत्पादन में तेज़ी लाने और सुचारु खनन के लिए मध्य प्रदेश सरकार से सहयोग की अपील की है। आंध्र प्रदेश सरकार को यह कदम तब उठाना पड़ा है, जब केन्द्र सरकार और कोयला मंत्रालय ने कोयले के उत्पादन में तत्काल तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देश में बिजली आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए कोयले की मांग और आपूर्ति से जुड़ी चुनौतियों की समीक्षा कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी बिजली उत्पादन इकाइयों को निर्बाध ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कोयला उत्पादकों से निकासी और उत्पादन में आने वाली बाधाओं को खत्म करने की कोशिश में जुटे हैं। कई राज्य पर्याप्त बिजली उत्पादन के अभाव में घंटों बिजली कटौती को मजबूर है। कोविड के कारण लड़खड़ा गए उद्योग त्योहारों के इस मौसम में रिकवरी की कोशिश कर रहे थे लेकिन बिजली की सामान्य आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो उनकी स्थिति फिर चौपट हो जाएगी।

वर्ष 2016 में कोयला मंत्रालय द्वारा आवंटित एपीएमडीसी का सुलियारी कोल ब्लॉक पूरी तरह से चालू होने पर सालाना पांच मिलियन टन कोयले का उत्पादन करेगा। यह आंध्र प्रदेश की बिजली परियोजनाओं को उचित लागत पर महत्वपूर्ण ईंधन मुहैया कराएगा और मध्य प्रदेश के लिए राजस्व तथा स्थानीय नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। एपीएमडीसी ने पिछले महीने ही सुलियारी कोल ब्लॉक का संचालन शुरू किया पर कुछ स्थानीय लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों के कारण रफ़्तार से काम आगे नहीं बढ़ सका।

इसके दृष्टिगत ही आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव आदित्य नाथ दास ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि एपीएमडीसी ने खदान शुरू करने के लिए पर्यावरण व वन विभाग की मंजूरी जैसे वैधानिक परमिट और अनुमोदन प्राप्त कर लिए हैं और खनन पट्टा समझौते को लागू किया है। इसलिए यहां जल्द उत्पादन शुरू करने की व्यवस्था का आग्रह किया गया है।

आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि "खनन जल्द शुरू होने से मध्य प्रदेश सरकार को बहुमूल्य राजस्व की प्राप्ति होगी और सिंगरौली जिले के वैढ़न क्षेत्र का सामाजिक व आर्थिक विकास होगा। इसके अलावा रोजगार के भी अवसर उपलब्ध होंगे जिसका सीधा फायदा स्थानीय लोगों के विकास में होगा।" आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी भी खनन में प्रगति की नजर बनाये हुए हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर, एपीएमडीसी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह साइट का दौरा किया और ग्रामीणों, स्थानीय विधायकों व जिला प्रशासन से मिलकर सभी मुद्दों का समाधान किया। अब सिंगरौली जिले की सुलियारी खदान, कोयले के संकट का सामना कर रहे देश को बिजली की समस्या से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।

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