ओव्हरलोड बॉक्साइड परिवहन पर प्रभारी की मेहरबानी
ओव्हरलोड बॉक्साइड परिवहन पर प्रभारी की मेहरबानी Raj Express
मध्य प्रदेश

Anuppur : ओव्हरलोड बॉक्साइड परिवहन पर प्रभारी की मेहरबानी

राज एक्सप्रेस

खनिज पत्थर बॉक्साइड के परिवहन में लगे सैकड़ो वाहनों के माध्यम से रेलवे रैक तक पहुंचते हैं, सभी वाहन ओव्हरलोड सड़क पर दौड़ते नजर आते हैं, वहीं दर्जनों वाहन बिना संपूर्ण दस्तावेज के थाना क्षेत्रों से गुजर रहें हैं, थाना प्रभारी नरेन्द्र पाल की मेहरबानी के कारण बॉक्साइड से लदे ओव्हरलोड वाहन मुख्यालय तक आसानी से पहुंच रहे हैं।

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। थाना राजेन्द्र ग्राम अंतर्गत उत्खनित खनिज पत्थर बॉक्साइड का परिवहन कई वर्षो से चल रहा है, रेलवे साइडिंग में लगने वाले रैक के अनुरूप परिवहन का कार्य किया जाता है। बॉक्साइड पत्थर परिवहन में लगे सैकड़ो वाहन ओव्हरलोड सड़क पर दौड़ती हैं, एक ट्रक में लगभग दस से बारह टन की अनुमति होने के बावजूद लगभग 16 से 17 टन ओव्हरलोड परिवहन किया जाता है। इन वाहनों पर न तो कभी कार्यवाही की जाती है, और न ही सड़क सुरक्षा के नियमों को सिखाया जाता है, अपनी कमाई के फेर में लगभग 50 किमी की यात्रा कर सड़क को क्षति ग्रस्त करते रहते हैं।

थाना प्रभारी की मेहरबानी :

थाना क्षेत्र से गुजरने वाले भारी भरकम वाहन, बिना दस्तावेज के वाहन व अवैध गतिविधियों में संलिप्त वाहनों को थाना प्रभारी नरेन्द्र पाल का संरक्षण प्राप्त होता है, यही कारण है कि इन वाहनों के पहिये बेरोकटोक अनूपपुर तक पहुंच जाते हैं, और फिर अनूपपुर से वापस भी अपने गंतव्य तक पहुुंच जाते हैं। इस बीच ओव्हरलोड व बिना संपूर्ण दस्तावेज के चलने वाले वाहनों से हर महीने का नजराना नहीं मिला तो नरेन्द्र के नुमाइंदे बीच रास्ते से पकड़कर थाने में खड़ी करवा लेते हैं और संविधान की पुस्तक निकालकर अवैध खनिज उत्खन्न एवं परिवहन, बिना दस्तावेज व अन्य धाराओं को ढूंढ कर एफआईआर दर्ज कर देते हैं ताकि थाना प्रभारी नरेन्द्र पाल का खौफ जारी रहे।

सड़के हो गई क्षतिग्रस्त :

चचानडीह से मुख्यालय तक चलने वाली भारी भरकम बॉक्साइड की गाड़ियां सड़कों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर चुकी है। जिसके बाद सड़क का मेन्टेंनेस किया जाता है। एक बार फिर बॉक्साइड की ओव्हरलोड गाड़ियां सड़को पर दौड़ रही है, जिसका खमियाजा छोटे वाहन व आम लोगों को भुगतना पड़ता है। इतना ही नहीं दुर्घटनाओंं में इजाफा करने के लिये इनका योगदान सबसे 'यादा रहता है, इन गाड़ियों में न तो साइड लाईट होती है और न ही रेडियम की चमकीली पट्टी (रिफ्लेक्टर) लगे होते हैं जिसके कारण कई बार लोगों को दुर्घटनाओंं का सामना करना पड़ा है।

माफियाओं के बल्ले-बल्ले :

खनन माफियाओं द्वारा बॉक्साइड खदान में अवैध तरीके से उत्खनित कर अपने कारोबार को अंजाम दे रहे हैं, वहीं परिवहन में लगे ट्रक बिना संपूर्ण दस्तावेज व ओव्हरलोड चलकर सड़क को क्षति पहुंचाते हैंं। संबंधित विभाग व जिला प्रशासन को इसकी जानकारी होने के बाद भी आज तक किसी के ऊपर कार्यवाही नहीं की गई, जिससे प्रतीत होता है कि इन माफियाओं के आगे अपने आप को नतमस्तक कर दिया गया है, यही कारण है बेखौफ होकर सड़को पर वाहन को इनके द्वारा दौड़ाया जा रहा है।

टोलप्लाजा में लगा जाम :

शुक्रवार 20 मई को सजहा स्थित टोलप्लाजा को फिर से शुरू किया गया, जहां प्रत्येक बड़े वाहनों से एंट्री ली जा रही थी, लेकिन इन गाड़ियों को लगभग 50 किमी बॉक्साइड का परिवहन किया जाना था, कई चक्कर एक दिन में एक गाड़ी को लगाना होता है। प्रत्येक चक्कर में एंट्री न लगे और बेखौफ होकर ओव्हरलोड बॉक्साइड का परिवहन किया जा सके, इन सब बातों को लेकर कई घंटो तक टोलप्लाजा में जाम लगाया गया था। जिसके कारण अन्य वाहनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

तौलकांटे पर भी सेटिंग :

बॉक्साइड में चलने वाले ओव्हरलोड हाईवा व ट्रक मुख्यालय स्थित कांटा घर में पहुंचते हैं, जहां सभी वाहन मालिकों की इतनी लंबी सेटिंग बनाई गई है कि दिखावे के लिये कांटा घर में खड़ी की जाती है, और बिना नापतौल हुये रेलवे साइडिंग तक सभी गाड़ियां अनलोड होने के लिये तैयार हो जाती है। रेलवे रैक में नियमों की विपरीत गाड़ियों को खाली किया जाता है जिसके कारण आम राहगीरों को बॉक्साइड से उडऩे वाले जहरीले डस्ट का सामना करना पड़ता है।

इनका कहना है :

टीम भेजकर जांच करवाई जाएगी, अगर किसी भी प्रकार की कमियां पाई गई तो कार्यवाही भी अवश्य की जाएगी।
अभिषेक राजन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अनूपपुर

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