आईएचपी ठेकेदारों की चल रही मनमर्जी, मनचाहा कर रहे काम
आईएचपी ठेकेदारों की चल रही मनमर्जी, मनचाहा कर रहे काम राज एक्सप्रेस, संवाददाता
मध्य प्रदेश

Barhi : आईएचपी ठेकेदारों की चल रही मनमर्जी, मनचाहा कर रहे काम

Ajay Verma

बरही, मध्यप्रदेश। बरही तहसील क्षेत्र में आईएचपी प्राइवेट लिमिटेड के ठेकेदारों की मनमर्जी चल रही है हर जगह मनचाहा अवैध खनन कर पाइपलाइन डाल रहे हैं, ऐसे में जहां सड़कों की धज्जियां उड़ रही हैं तो वही बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर खुले छोड़ दिए हैं जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ठेकेदार अपनी मनमर्जी से शासन को लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा रहा है और प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे आईएचपी के ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं। हाल ही में नगर के खन्ना बंजारी रेलवे साइडिंग पर आईईएचपी के ठेकेदारों के द्वारा बिना अनुमति लिए रेलवे की शासकीय भूमि खोदकर हैवी पाइप लाइन डाल दी गई है। इसके पूर्व में सीएमआर कंपनी के द्वारा नगर में जगह-जगह पाइप लाइन बिछाई गई थी। ठेकेदारों के द्वारा अनुमति लेकर काम किया गया, लेकिन आईएचपी के ठेकेदार बिना अनुमति लिए शासन को लाखों करोड़ों रुपए चूना लगाते हुए अपना काम बेखौफ कर रहे हैं और प्रशासन मौन धारण किया है, जिससे ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं। नगर वासियों ने ठेकेदारों की चल रही मनमर्जी पर जांच कर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।

रेल्वे व नगरीय प्रशासन की अनुमति नहीं, फिर भी खोद डाला :

प्राप्त जानकारी के अनुसार आईएचपी कंपनी के द्वारा रेलवे साइडिंग, बिचपुरा रोड, करौंदी रोड में किए जा रहे कार्य की अनुमति ना तो रेलवे विभाग से ली गई और ना ही नगरीय प्रशासन ने इसकी अनुमति प्रदान की है, जिसके कारण रात अधियारे में कंपनी के द्वारा गुपचुप तरीके से कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। कई जगह ऐसी स्थितियां निर्मित हुई है कि ठेकेदार के द्वारा निजी भूमि पर ही पाइपलाइन डाल दिया गया है तथा शिकायत के उपरांत वापस निकाल लिया गया है इस तरह देखा जाए तो ठेकेदार के द्वारा कंपनी को ही लाखों रुपए का चूना लगाया जाता है जिससे कंपनी को तो नुकसान होता ही है साथ ही नगर में कई जगह गड्ढे व मिट्टी का ढेर लगने से भी आवागमन पूर्णता बाधित होता है।

कर्मचारी उपकृत, मौन स्वीकृति प्रदान :

जानकारी के अनुसार आईएचपी कंपनी के द्वारा एक कर्मचारी जो कि रेलवे से संबंध रखता है को उपकृत करके रेलवे लाइन के आसपास पाइप लाइन डालने का कार्य गुपचुप तरीके से किया गया था जिसकी सूचना नगर के नागरिकों को होने से आग की तरह फैल गई जिसके कारण कार्य को वहीं पर रोक दिया गया। अन्य व्यक्तियों को भी कई प्रकार से उपकृत करने का प्रयास प्रोजेक्ट मैनेजर के द्वारा किया गया इस संबंध में कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि रेलवे के द्वारा अनुमति प्रदान की गई है जबकि रेलवे कर्मचारी के द्वारा ऐसी कोई भी जानकारी नहीं प्रदान की गई। साथ ही नगर परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारी से चर्चा उपरांत किसी भी प्रकार की अनुमति का ना दिया जाना इस बात का द्योतक है कि कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर के द्वारा बहुत ही बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिससे कंपनी व सरकार को करोड़ों रुपए की हानि होना लाजमी है, जानकारी के अनुसार यदि आईएचपी कंपनी के द्वारा रेलवे की परमिशन ली जाती है तो उक्त अनुमति प्राप्त करने में कंपनी को लगभग एक से डेढ़ वर्ष का समय लग सकता है साथ ही करोड़ों रुपए भी लगेंगे। सीएमआर कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि यदि आईएचपी कंपनी के द्वारा उक्त स्थान पर यदि किसी भी प्रकार की पाइप लाइन का नुकसान किया जाता है तो नगर में 15 से 20 दिन तक पेयजल सप्लाई बाधित रहने की संभावना है। परिषद व कंपनी को इस बात को ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए, अन्यथा नगर में पानी की तरह त्राहि होना सुनिश्चित है।

इनका कहना है :

कंपनी द्वारा किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है, कार्य को बंद करा दिया गया है।
मनोहर बृजवार, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, बरही
पाइपलाइन टूटने की स्थिति में 15 से 20 दिन जल सप्लाई बाधित रहेगी, कार्य विधिवत हो, सहयोग करेंगे।
प्रोजेक्ट मैनेजर - सीएमआर कंपनी

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