भोजशाला में ASI सर्वे पांचवें दिन जारी
भोजशाला में ASI सर्वे पांचवें दिन जारी Raj Express
मध्य प्रदेश

भोजशाला, देवी सरस्वती का मंदिर या कमल मौला मस्जिद? जवाब जानने के लिए ASI सर्वे पांचवें दिन जारी

Author : gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • कार्बन डेटिंग तकनीक का किया जा रहा है उपयोग।

  • मुस्लिम पक्ष ने की थी पहले दिन का सर्वे रद्द करने की मांग।

Bhojshala, Goddess Saraswati Temple or Kamal Maula Masjid : मध्यप्रदेश। क्या है भोजशाला, देवी सरस्वती का मंदिर या कमल मौला मस्जिद? यह जवाब ढूंढने के लिए पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम पिछले 4 दिनों से सर्वे कर रही है जो पांचवें दिन भी जारी। है भोजशाला का धार्मिक कैरेक्टर डिसाइड करने के लिए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने ज्ञानवापी की तरह ही वैज्ञानिक सर्वे कराए जाने का आदेश था। इस आदेश के के अनुपालन में भोजशाला में कार्बन डेटिंग के साथ - साथ खुदाई कर जांच की जा रही है। इधर भोजशाला के सामने मंगलवार को हिन्दू पक्ष के लोग हनुकमा चालीसा और सत्याग्रह कर रहे हैं। इसके चलते यहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। जानकारी के अनुसार श्रद्धालुओं ने यहां सर्वे से पहले पुलिस की निगरानी में पूजा भी की थी।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम 22 मार्च को शुरू हुए सर्वेक्षण को आगे बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला परिसर पहुंची। हिंदुओं के लिए, भोजशाला परिसर देवी वाग्देवी (सरस्वती) को समर्पित एक मंदिर है, जबकि मुसलमानों के लिए, यह कमल मौला मस्जिद का स्थान है। 2003 में एक व्यवस्था के अनुसार, हिंदू मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक परिसर में पूजा करते हैं जबकि मुस्लिम शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा करते हैं।

हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार एएसआई सर्वे में GPRऔर GPS तकनीक का उपयोग हो रहा है। सर्वे टीम में पांच एक्सपर्ट शामिल हैं। जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) यह तकनीक जमीन के भीतर का पता लगाती है, जबकि जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) तकनीक बिल्डिंग की उम्र का पता लगाएगी। इसके साथ ही जीपीआर में कार्बन डेटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल भी किया जाता है।

मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे की शुरुआत में पहले दिन का सर्वे रद्द करने की मांग की थी। साथ ही साथ सर्वे टीम में एक भी हिन्दू के न होने पर सवाल भी उठाए थे। पहले दिन यहाँ 6 घंटे सर्वे हुआ था। दूसरे दिन 9.30 घंटे तक खुदाई और सर्वेक्षण का काम हुआ। चौथे दिन यहां कलाकृतियों पर कैमिकल लगाकर उसका चित्र कागज़ पर लिया गया। यहां से ASI की टीम ने सैम्पल भी लिए थे।

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