सीबीएसई स्कूलों में आफलाइन कक्षाओं पर परिस्थितियां बनी अड़चन
सीबीएसई स्कूलों में आफलाइन कक्षाओं पर परिस्थितियां बनी अड़चन Syed Dabeer-RE
मध्य प्रदेश

Bhopal : सीबीएसई स्कूलों में आफलाइन कक्षाओं पर परिस्थितियां बनी अड़चन

Gaurishankar Chaurasiya

भोपाल, मध्यप्रदेश। सीबीएसई स्कूलों के ऑफलाइन कक्षा संचालन की प्रक्रिया उलझन में पड़ती दिख रही है। कोरोना की दूसरी लहर टलने के बाद स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों से विकल्प मांगा गया है। इस कदम को नकारते हुए अभिभावकों ने साफ कह दिया है कि वे अपने बच्चों को मौजूदा परिस्थितियों में स्कूल नहीं भेज सकते हैं। कारण है कि अभी उन्हें कोरोना का टीका ही नहीं लगा है। मरीजों का क्रम भी फिर से शुरू हो गया है।

सीबीएसई स्कूलों ने छोटे से लेकर शत-प्रतिशत बड़े बच्चों की ऑफलाइन कक्षाएं लगाने के लिए अभिभावकों से विकल्प मांगा है। हालांकि इसमें प्रायमरी बच्चों के लिए ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन विकल्प रखा गया है। इधर अभिभावक साफ कह रहे हैं कि अभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। कारण है कि हर दिन कोरोना वायरस के मरीज निकल रहे हैं। लगातार संक्रमण बढ़ रहा है। इस कारण ऐसे समय में बच्चों को स्कूल भेजना किसी खतरे से कम नहीं है। खासकर पहली से पांचवी तक के बच्चों के अभिभावक कह रहे हैं कि कितना ही दवाब क्यों ना हो। बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जाएगा। तर्क यह भी दिया कि अगले तीन माह बाद मुख्य परीक्षाएं हैं। इस कारण स्कूल भेजने का कोई औचित्य नहीं है। इधर स्कूल संचालकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास नियमित रूप से लगाने के बाद भी अभिभावक फीस नहीं भर रहे हैं। जबकि खर्चा लगातार बढ़ रहा है। नतीजतन बच्चों को स्कूल बुलाना आवश्यक है। स्कूल संचालकों का यह भी कहना है कि फिलहाल पहली से पांचवी तक के बच्चों की तो ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जाएंगी। इस कारण अभिभावकों से भी दोनों विकल्पों में सहमति चाही गई है। अगर ज्यादा से ज्यादा अभिभावक छोटे बच्चों के लिए ऑफलाइन कक्षाओं में पढ़ाने के लिए तैयार हुए। तब इस विषय पर विचार होगा, छठवीं से 12वीं तक की सभी कक्षाएं निकट भविष्य में ऑफलाइन होगी। इस संबंध में सीबीएसई की रीजनल डायरेक्टर मीनू जोशी ने कहा कि सीबीएसई स्कूलों द्वारा शत-प्रतिशत ऑफलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं। इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

स्कूल संचालकों की बैठक 14 को :

बच्चों की शत-प्रतिशत ऑफलाइन कक्षाएं लगाने के लिए सीबीएसई स्कूल संचालकों की बैठक 14 नवंबर को रखी गई है। इसके लिए स्थान का चयन किया जा रहा है। स्कूलों पर नियंत्रण रखने वाले सहोदय गु्रप का कहना है कि बैठक में तय हो जाएगा कि कितनी क्लासों के बच्चों को ऑफलाइन बुलाना है। गु्रप के वाइस प्रेसिडेंट पीके पाठक का कहना है कि फिलहाल कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चों को स्कूल नहीं बुलाया जाएगा। उनकी कक्षाएं पूर्व की तरह ऑनलाइन ही संचालित की जाएंगी।

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