भोपाल में आयोजित विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति 'पंचायत'
भोपाल में आयोजित विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति 'पंचायत' Social Media
मध्य प्रदेश

Bhopal: सीएम चौहान ने जनजाति पंचायत के साथ संवाद कार्यक्रम का किया शुभारंभ

Author : Priyanka Yadav

भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 31 अगस्त विमुक्त जाति दिवस पर जनजाति पंचायत राजधानी में आयोजित की गई, मुख्यमंत्री द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति पंचायत के साथ संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी उपस्थित रहे।

भोपाल में आयोजित विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति 'पंचायत'

सीएम ने प्रतिनिधियों को भेंट की शाल एवं श्रीफल

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के प्रतिनिधियों का मंच पर शाल एवं श्रीफल भेंट कर स्वागत किया।

सीएम शिवराज बोले-

इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज बोले- मैं आज उनका स्वागत कर रहा हूं जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए हैं, जो आज भी गरीबी और असमानता का दंश झेल रहे हैं, जिनको ऐतिहासिक रूप से समानता का दर्जा नहीं मिला, जिन्होंने देश, धर्म और संस्कृति बचाने के लिए अपनी पहचान समाप्त कर दी थी। मैं आपकी तपस्या और संकल्प को प्रणाम करता हूं।

विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति की अपनी परंपरा और इतिहास रहा है। आज के ही दिन ही काले कानून को रद्द किया गया। तभी से इसे सभी घुमंतू जातियां विमुक्ति दिवस के रूप में हर वर्ष मनाती हैं। मध्यप्रदेश की धरती पर भी 31 अगस्त का दिन विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
सीएम शिवराज ने कहा

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज ने कहा कि आपका सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प है, मंत्रालय का नाम अभी घुमक्कड़, अर्धघुक्कड़ विभाग है। आपकी मांग के अनुरूप मंत्रालय का नाम घुमन्तु और अर्धघुमन्तु जनजातीय विभाग किया जायेगा, विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति भाई-बहनों को प्रमाण पत्र की समस्या अब नहीं होगी। अब इनके प्रमाण पत्र में जाति-जनजाति अंकित की जाएगी। आज ये पंचायत संकल्प लें कि हम अपने हर बेटा-बेटी को पढ़ाएंगे। आज मैं ये तय करता हूं अपने इन बच्चों को श्रमोदय विद्यालय, ज्ञानोदय विद्यालय में सीटें आरक्षित करेंगे। जरूरत पड़ी तो एकलव्य विद्यालय में भी सीटें आरक्षित करेंगे। छात्रावासों में भी स्थान दिया जाएगा।

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