फिर हुई मटमैले पानी की सप्लाई
फिर हुई मटमैले पानी की सप्लाई Raj Express
मध्य प्रदेश

रातभर कमिश्नर कोलार कंट्रोल रूम में डटे रहे, इसके बाद भी मटमैले पानी की सप्लाई

Irshad Qureshi

भोपाल, मध्यप्रदेश। कोलार से शुद्ध पानी सप्लाई का दावा करने वाली नगर निगम फिर झूठी साबित हो गई। पहले शनिवार की रात तक पानी देने का दावा किया गया, फिर रविवार की रात को हर हाल में पानी घरों तक पहुंचाने का ढिंडोरा पीटा गया। हालांकि पानी तो आया, लेकिन किसी काम का नहीं था। सोमवार की सप्लाई में भी नलों ने गंदा पानी ही उगला। अब दावे किए जा रहे हैं कि रहवासियों को शुद्ध और पहले से अधिक मात्रा में पानी दिया जा रहा है। इसके बावजूद शहर में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।

दरअसल बिना प्लानिंग कोलार लाईन की कमीशिंनिग का काम नगर निगम के लिए गले की हड्डी बन गई है। रविवार की देर रात निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी अधिकारियों के साथ कोलार कंट्रोल रूम में डेरा डाले रहे, इसके बाद भी लोगों को पानी नहीं मिला। जबकि कोलार की टंकियां सोमवार की सुबह 4 बजे तक भर गई थी। सुबह जब सप्लाई शुरू हुई तो नलों ने गंदा पानी उगला। अभी भी यही स्थिति बनी हुई है।

सुबह 4 बजे भराईं टंकियां :

कोलार लाईन से सोमवार की सुबह 4 बजे तक पीजीबीटी, पुतलीघर, कांग्रेस नगर, ग्रीन पार्क, चौकसे नगर, जेपी नगर, आरिफ नगर, पिंजोमल, शांति नगर, बाल विहार, बाग मुंशी हुसैन, श्यामला, शास्त्री नगर, बाघीरा अपार्टमेंट, ब्लॉक नंबर 89, ई-2, 1100 क्वाटर, बुद्ध मठ, शाहपुरा, एमएसीटी की टंकियां भरा गई थीं। वहीं देर रात राम मंदिर, मोती मस्जिद, गिन्नौरी, वहीदिया, जवाहर बाल उद्यान, टीटी नगर, प्लेटिनम प्लाजा, हर्षवर्धन नगर, नर्मदा भवन, चार इमली, ई-6, जनता कॉलोनी की टंकियां भराईं।

टंकियों पर लिखाएगा, आपके यहां कब आएगा पानी :

वॉटर सप्लाई को लेकर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने अच्छी पहल की है। अब सभी टंकियों पर लिखा नजर आएगा कि आपके इलाके में कब पानी आएगा। इसके लिए कमिश्नर ने वॉटर वर्क के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। हालांकि अधिकारी टंकियों पर कभी समय नहीं लिखने देंगे, क्योंकि गर्मियों में तय समय पर कभी सप्लाई नहीं होती। इसके अलावा निगम रोजाना सप्लाई का दावा करता है, लेकिन शहर में एक दिन बीच ही पानी सप्लाई हो रहा है।

कमिश्नर ने ली बैठक :

सोमवार को नगर निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी ने वॉटर वर्क के सभी अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में कमिश्नर केवीएस चौधरी ने कहा कि कोलार परियोजना की नई ग्रेविटी और फीडर लाईनों से सप्लाई शुरू होने पर पानी के प्रेशर और मात्रा में सुधार आया है। वहीं कोलार परियोजना के कमांड एरिया की 45 टंकियां पहले के मुकाबले में कहीं ज्यादा जल्दी भरी जा रही हैं। कमिश्नर ने अधिकारियों से कहा कि शहरवासियों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए नए सिरे से सभी टंकियों की क्षमता की जांच करें। साथ ही टंकियों से वॉटर सप्लाई का शेड्यूल तय कर प्लान दें और टंकियां दिन में कितनी बार और कितने समय में कितनी क्षमता में भरी जा रही हैं, इसकी भी जानकारी बताएं। बैठक में अपर आयुक्त ऋतु बाफना, प्रभारी मुख्य अभियंता एआर पवार सहित कोलार परियोजना व जलप्रदाय व्यवस्था से संबंधित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

कमिश्नर ने ली बैठक

पवार के खिलाफ हुए नेता, सीएम और मंत्री को लिखा पत्र :

शहर की वॉटर सप्लाई के मुख्य किरदार अशोक पवार के खिलाफ विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह को पत्र लिखकर पवार को बर्खास्त करने को कहा, वहीं विधायक डा. हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पवार सहित जलकार्य विभाग के दूसरे अधिकारियों पर कार्रवाई करने को कहा। श्री मसूद ने प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि निगम की लापरवाही के कारण जल संकट की समस्या खड़ी हो गई है। इससे पूर्व भी एक पत्र लिखकर मैंने आग्रह किया था कि भीषण गर्मी के चलते एमएस और डीआई पाइप की कमीशिंनिग का काम अभी न किया जाए। इसके बाद भी यह काम भीषण गर्मी में कराया गया। श्री मसूद ने कहा कि नगर निगम प्रशासन ने सेवानिवृत्त एआर पवार को अनुभव के आधार पर संविदा नियुक्ति दी थी, लेकिन उनका अनुभव भी काम नहीं आया और पवार ने इस संकट के दौरान पूरा समय अपना फोन बंद करके रखा। श्री मसूद ने आरोप लगाया कि निगम ने शहरवासियों से झूठ बोला, पाइन लाइन का कमीशिंनिग काम सोमवार तक पूरा नहीं हुआ है।

पवार के पॉवर से कायल है निगम :

दो साल पहले रिटायर्ड हुए अशोक पवार का मूल विभाग पीएचई है। लेकिन रिटायर्ड होने के बाद भी निगम ने पवार को रिलीव नहीं किया। उन्हें संविदा नियुक्ति देते हुए पूरे शहर की वॉटर सप्लाई का जिम्मा वापस दे दिया गया। इसके अलावा हाउसिंग फॉर ऑल भी पवार के पास है। बताया जाता है कि पवार का लिखा निगम कमिश्नर भी नहीं काट सकते। वर्तमान में एक संविदा कर्मी को वित्तीय अधिकार भी दे रखे हैं। कुछ समय पर अकाउंट सेक्शन ने इस पर आपत्ति ली तो पवार ने अपना पावर दिखाते हुए अधिकारियों को फटकार लगवा दी। बताया जाता है कि संविदा अवधि खत्म होने जा रही है, लेकिन निगम अभी से दोबारा संविदा नियुक्ति देने की तैयारी में जुट गया है।

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