कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त देने की योजना बनायी थी
कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त देने की योजना बनायी थी Social Media
मध्य प्रदेश

सिर्फ जमीनी नहीं टेक्निकल भी थी कांग्रेस की रणनीति

Author : Priyanka Yadav

राज एक्सप्रेसस। मध्यप्रदेश में नवंबर-दिसंबर 2018 में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान पंद्रह सालों तक राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस ने न केवल मैदान में चुनाव लड़ने की ही बेहतर रणनीति बनायी, बल्कि तकनीकी साधनों का इस्तेमाल भी बेहतर ढंग से किया था। राज्य के वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश राजपूत की विधानसभा चुनाव और इसके चार माह बाद 2019 में संपन्न लोकसभा चुनाव को लेकर लिखी गयी पुस्तक ‘चुनाव है बदलाव का’ में इस बात का जिक्र है।

कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त देने की बनायी थी योजना

हाल ही में प्रकाशित 164 पेज की पुस्तक में चुनावों से जुड़ी घटनाओं को बड़े ही रोचक ढंग से पेश किया गया है। संदर्भ के रूप में इसमें चुनाव नतीजे संबंधी आंकड़े भी पेश किए गए हैं।

इस किताब में बताया गया है कि

कांग्रेस ने श्री कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राज्य में आने के बाद कुछ दिनों में ही अपना ‘आईटीसेल’ बनाया और उसका जिले स्तर तक विस्तार किया गया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में स्थापित आईटीसेल के जरिए सोशल मीडिया पर भी कार्य शुरू किया गया। इस कार्य के जरिए बीस दिनों में ही छह हजार लोगों को जोड़कर उनको पार्टी के कार्य में लगा दिया गया।

पुस्तक के अनुसार सोशल मीडिया का कार्य देखने वालों को ‘राहुल के सिपाही’ नाम दिया गया। इन युवाओं की सोशल मीडिया टीम की ओर से भाजपा के प्रचार अभियान का जवाब तो दिया ही जा रहा था, साथ ही मीडिया की खबरों पर भी नजर रखी जा रही थी। CM कमलनाथ और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़े छोटे-छोटे फिल्मी वीडियो भी इस चुनाव में दोनों दलों की ओर से बनाए गए, जो न्यूज चैनल में जगह पा लेते थे।

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