एमपीपीएससी के आरक्षण मामले में हाईकोर्ट का फैसला
एमपीपीएससी के आरक्षण मामले में हाईकोर्ट का फैसला Deepika Pal - RE
मध्य प्रदेश

आरक्षण मुद्दे पर उलझी MPPSC, फिलहाल HC के फैसले तहत होगी भर्ती

Author : Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एमपीपीएससी की परीक्षा के प्रश्नपत्र में गड़बड़ी मामले के बाद आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट का फैसला सामने आया है जिसमें सरकार द्वारा ओबीसी के आरक्षण कोटे को 14 प्रतिशत से 27 प्रतिशत करने के निर्णय पर फिलहाल रोक लग गई है। जिसके बाद से इस मामले पर अगली सुनवाई होने तक 14 प्रतिशत ही आरक्षण कोटा ही बरकरार रहेगा। हाइकोर्ट के इस फैसले से करीबन 400 नियुक्तियां प्रभावित होंगी। कोर्ट की अगली सुनवाई 12 फरवरी को तय की गई है।

क्या है पूरा मामला :

मिली जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट में दर्ज याचिका में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि,- मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने विगत 14 नवंबर को तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेबर इंस्पेक्टर सहित कुल 450 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे थे, जिस पर सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी के 14 प्रतिशत कोटे को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। इस यूथ फॉर इक्वेलिटी संस्था, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ पीजी नाजपांडे, मेडिकल छात्र आशिता दुबे, रिचा पांडे, पीएससी उम्मीदवार सूर्यकांत शर्मा, पियूष जैन आदि लोगों ने सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि ओबीसी के कोटे को बढ़ाने से सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया में नुकसान पहुंचेगा। इस पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि, जब तक याचिका पर सरकार द्वारा कोई जवाब नहीं आता तब तक ओबीसी का 14 प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा।

कोर्ट में दायर हो चुकी हैं 11 याचिकाएं :

इस संबंध में सरकार के द्वारा ओबीसी का आरक्षण बढ़ाए जाने के निर्णय के खिलाफ चुनौती देने के रूप में अब तक कोर्ट में 11 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। वहीं याचिकाकर्ताओं ने इसमें तर्क दिया कि आरक्षण में वृद्धि करने से अनुच्छेद 14,15 व 16 की उपधारा 4 का उल्लंघन होगा। सामान्य वर्ग को भर्ती प्रक्रिया में नुकसान होने के साथ ही 27 प्रतिशत ही सीटें प्राप्त होंगी। सरकार का मत था कि, 1990 में आई महाजन आयोग की सिफारिश के आधार पर ओबीसी आरक्षण 27% किया गया है। दरअसल प्रदेश में प्रतिनिधित्व के आधार पर ओबीसी को अधिक आरक्षण की आवश्यकता है। फिलहाल मामले पर 12 फरवरी को सुनवाई के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT