पवई विधायक की सदस्यता समाप्त
पवई विधायक की सदस्यता समाप्त Social Media
मध्य प्रदेश

भाजपा को तगड़ा झटका, पवई विधायक की सदस्यता समाप्त

Priyanka Yadav

राज एक्सप्रेस। पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक 'प्रहलाद लोधी' की विधानसभा सदस्यता शून्य घोषित कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय ने शनिवार को स्पेशल कोर्ट से आदेश की प्रति मिलने के बाद सदस्यता शून्य घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिये भेज दिया है। संभावना है कि इस संबंध में रविवार को ही अधिसूचना जारी हो जाएगी। इस तरह अब पवई विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव तय हो गया है। पवई के भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी के खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने बीते दिनों फैसला दिया था, जिसमें उन्हें दो वर्ष से अधिक की सजा भी दी गई थी।

भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी को 2 साल की हुई है सजा

दो वर्ष की सजा दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर उनकी विधानसभा की सदस्यता स्वत: ही शून्य घोषित हो गई थी, लेकिन शनिवार को इस संबंध में विधानसभा सचिवालय ने स्पेशल कोर्ट से लोधी के खिलाफ जारी आदेश की सत्यापित प्रति मिलने के बाद सदस्यता शून्य घोषित कर विधानसभा क्षेत्र को रिक्त घोषित करने की कार्रवाई शुरू की। इस संबंध में अधिसूचना का प्रारूप तैयार कर विधानसभा सचिवालय ने इसे प्रकाशन के लिए शनिवार को ही भेज दिया। अब क्षेत्र को रिक्त घोषित कर आयोग सुविधानुसार उप चुनाव की तारीख घोषित कर सकेगा। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने शुक्रवार को मिंटो हॉल में मीडिया के सामने इस बात का खुलासा किया कि पवई भाजपा विधायक की सदस्यता शून्य घोषित कर दी गई है।

एक समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अल्पमत की सरकार घोषित कर अघोषित रूप से सरकार को गिरा देने की धमकी देने वाली भाजपा के लिये पवई विधायक की सदस्यता शून्य घोषित होना किसी झटके से कम नहीं है। पिछले सप्ताह ही उसे झाबुआ उप चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था और उसे विधानसभा चुनाव के दौरान जीती गई सीट से हाथ धोना पड़ा था। इस हार से भाजपा विधायकों की संख्या कम होकर 108 तक सीमित होकर रह गई थी। अब एक और विधायक की सदस्यता जाने से यह घटकर 107 पर आकर टिक गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रहलाद लोधी ने कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश नायक को 23680 वोटों के बड़े अंतर से हराया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपील के प्रावधान को भी किया समाप्त

सुप्रीम कोर्ट ने मिलि थामस वर्सेस भारत सरकार के प्रकरण में वर्ष 2013 को नया आदेश जारी किया था। उस आदेश के हिसाब से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 , 3 के तहत नया प्रावधान करते हुए दो वर्ष य उससे अधिक की सजा किसी न्यायालय द्वारा किसी लोक प्रतिनिधि के खिलाफ पारित किये जाने के बाद उनकी सदस्यता स्वत: ही शून्य घोषित करने का प्रावधान किया गया है। वहीं पहले अधिनियम की धारा 8, 4 में यह अपील का प्रावधान किया गया था। यानि किसी न्यायालय द्वारा दो वर्ष या उससे अधिक की सजा दिये जाने के बाद उसे उच्च अदालत में अपील का अधिकार था, तब तक उसकी सदस्यता बरकरार रह सकती थी। लेकिन यह प्रावधान वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने समाप्त कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2013 में एक आदेश में दो वर्ष या उससे अधिक की सजा दिये जाने पर सदस्यता बरकरार रखने के लिये अपील किये जाने के प्रावधान को समाप्त कर दिया है। इस कारण अब पवई विधायक की सदस्यता शून्य घोषित करने की कार्रवाई की गई है। संभवत: रविवार को इस संबंध में अधिसूचना भी जारी हो जाएगी।
एपी सिंह, प्रमुख सचिव, मप्र विधानसा सचिवालय

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