'राइट टू वॉटर' पर जल और पर्यावरण विशेषज्ञों का मंथन
'राइट टू वॉटर' पर जल और पर्यावरण विशेषज्ञों का मंथन Deepika Pal - RE
मध्य प्रदेश

जल सम्मलेन : 'राइट टू वॉटर' पर जल और पर्यावरण विशेषज्ञों का मंथन

Author : Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज से वृहत् स्तर पर राष्ट्रीय जल सम्मेलन की शुरूआत हुई जहां मिंटो हॉल में हुए इस आयोजन में देशभर से आए करीबन 30 राज्यों के जल विशेषज्ञ और पर्यावरणविदों ने हिस्सा लेकर जल विषय पर विचार और मंथन किया गया। दरअसल इस सम्मेलन का आयोजन हाल ही में पानी को लेकर लाए अधिनियम 'राइट-टू-वाटर' के तहत किया गया। जिसे लेकर विचार मंथन पर प्रारूप तैयार कर क्रियान्वयन करने की बात कही गई वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कई मुद्दों पर राय व्यक्त करते हुए विचार की मांग की।

तीन महीनो में होगा ड्राफ्ट तैयार :

इस सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञों द्वारा दिए विचार के बाद अगले तीन महीनों में एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा जिसमें पानी पर हर व्यक्ति का अधिकार तय करते हुए प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर प्रतिदिन पानी और एक करोड़ लोगों के घर तक नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा वहीं इसके लिए 5 हजार करोड़ के कामों के टेंडर इस महीने ही जारी रहेगें जिसका वहन 45- 45 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ केंद्र और राज्य वहन करेगें। साथ ही बाकि की राशि जनसहयोग से जुटाई जाएगी, इस एक दिवसीय कांफ्रेन्स में देश भर के विशेषज्ञों ने दो सत्रों में पानी को बचाने पर अपने प्रजेंटेशन दिए।

सुझाव मांगने के साथ अनुभव किए साझा :

इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कानून बनाए जाने को लेकर देशभर से आए जल विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों से सुझाव मांगे। कहा कि, कानून तो बन जाएगा, कैसा कानून बनाये ये विचार आपको करना होगा। मौजूदा हालात में 65 बांधों के साथ नदियां भी सूखने की कगार पर हैं जिसमें पानी के बचाव के लिए नई टेक्नोलॉजी लाने पर विचार करना होगा। अगर हमने अब भी जल संरक्षण पर विचार नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी भी माफ नहीं करेगी। साथ ही पानी को लेकर अपने निजी जीवन से जुड़ा किस्सा भी साझा किया।

जल विशेषज्ञों ने दी बधाई :

वहीं सेमिनार के दौरान जल विशेषज्ञों ने जनता, सरकार और मुख्यमंत्री कमलनाथ को बधाई दी, जिसमें जल विशेषज्ञ राजेन्द्र कुमार ने कहा कि, पर्यावरण को बचाने वाले असली नेता आप ही हैं, इस प्रदेश और पानी के बारे में सोचा जबकि दूसरे राज्यों ने इस बारे में अभी विचार तक नहीं किया है। कमलनाथ जी आपने अपने समाज पर विश्वास किया है। आप राइट टू वॉटर लागू कर पानी के झगड़ों को खत्म करके मालिकाना हक देंगे, जल कानून पूरे देश के लिए बनना चाहिए।

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