भोपाल में यातायात पुलिस से प्रताड़ित हुए लोग
भोपाल में यातायात पुलिस से प्रताड़ित हुए लोग सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

भोपाल में यातायात पुलिस से प्रताड़ित हुए लोग! 40 महीने में 401 शिकायतें CM Helpline में हुई दर्ज

Faraz Sheikh

भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी की यातायात की कमान संभालने वाले अधिकारी भले ही पीपुल्स फ्रेंडली पुलिसिंग के दावे करते हैं। वहीं जमीनी हकीकत इससे इतर है,यातायात पुलिस के दामन पर अवैध वसूली, चालान राशि की वसूली के नाम पर अनावश्यक दबाव बनाने, चेकिंग के दौरान अभद्र व्यवहार करने जैसे आरोप आम हो चुके हैं। जिसकी गवाही खुद पुलिस रिकार्ड में दर्ज आंकड़े दे रहे हैं। बीते चालिस महीनों में 1 जनवरी 2019 से 2 अप्रैल 2022 तक सीएम हेल्प लाइन में यातायात पुलिस के खिलाफ 401 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है। इसी प्रकार सायबर क्राइम पुलिस के खिलाफ 375 शिकायतें बीते 40 महीनों में दर्ज कराई गई हैं।

जानकारी के अनुसार ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ सीएम हेल्प लाइन में दर्ज शिकायतों में अधिकांश मामले अभद्र , जबरन चाबी छीनना,चालान राशि को लेकर अनावश्यक दबाव बनाना जैसे मामले शामिल हैं। वहीं सायबर पुलिस के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायतों में अधिकांश मामले समय पर शिकायत न सुनने, आवेदन लेकर जगह-जगह भटकाने और प्रापर रिस्पांड न करने जैसे मामले शामिल हैं। कई फरियादियों ने शिकायत कटवाने के बाद दोबारा शिकायत करते हुए यह भी आरेाप लगाए हैं कि पुलिस ने बयान लेने के बहाने बुलाया और जिस मोबाइल से शिकायत दर्ज कराई उसे बल पूर्वक लेकर जबरन शिकायतें कटवाई हैं। इधर, यातायात पुलिस के डीसीपी हंसराज का कहना है कि कार्रवाई करते समय कई प्रकार की व्यवहारिक कि कठिनाईयों का सामना पुलिस को करना पड़ता है। लोग शिकायत की धौंस देकर बिना चालानी राशि दिए वाहन ले जाना चाहते हैं। कई लोग कार्रवाई के समय जबरन उत्तेजित हो जाते हैं, समझाने पर भी नहीं मानते तब ऐसे लोगों पर शासकीय कार्य में बाधा के मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं। तब लोग सीएम हेल्प लाइन में अवैध वसूली और दुरव्यौहार करने जैसे अनर्गल आरोप लगाकर शिकायत दर्ज करा देते हैं। जांच में तमाम आरोप निराधार पाए जाते हैं।

यातायात पुलिसकर्मी की जा चुकी है जान :

ऐसी केबिन में बैठकर नियमों के नाम पर अधिनस्तों पर ज्यादा से ज्यादा चालान काटने दबाव बनाने वाले अधिकारियों के कारण 7 अगस्त 2021 को यातायात पुलिस के एसआई को जान गवानी पड़ी थी। बता दें कि कोलार इलाके में रहने वाले इंजीनियर हर्ष मीणा (27) की ज्योति टॉकीज के पास नो-पार्किंग में बाइक खड़ी थी। ट्रैफिक पुलिस की क्रेन इसे उठाकर क्राइम ब्रांच थाना परिसर ले आई थी। थोड़ी देर बाद हर्ष क्राइम ब्रांच थाना परिसर पहुंचा। एसआई श्रीराम दुबे ने 600 रुपए का चालान भरने के बाद ही गाड़ी छोड़ने की बात कही। हर्ष के पास पैसे नहीं थे। ऐसे में वह घर से पैसे लेने चला गया। लंबे कुछ घंटे बाद वह लौटा। चालान कटवाया। इसके बाद वह वहीं खड़ा रहा। इसी बीच दुबे फोन पर बात करने लगे। तभी हर्ष ने जेब से चाकू निकाला और उनके पेट में घोंप दिया। इस हमले में उपचार के दौरान एसआई की मौत हो गई थी।

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