निजीकरण
निजीकरण Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

नवरत्न उपक्रमों का निजीकरण कर सरकार पिछड़े तबकों को डाल रही है संकट में

Author : Shahid Kamil

भोपाल, मध्यप्रदेश। पेट्रोलियम और रेल सहित पुरानी उपक्रमों का निजीकरण होने से अब रूट शुरू हो गया है। अनुसूचित जाति जनजाति युवा संगठन यानी नाजी द्वारा हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। आरोप लगाया गया कि यह कदम उठा कर सरकार पिछड़े तबकों के बेरोजगार युवाओं का भविष्य अंधकार में ले जा रही है।

नाजी संगठन के अनुसार रेलवे एयरपोर्ट पेट्रोलियम एवं भारत की अन्य नवरत्न कंपनियां बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लिया जाए। इसमें जनता की गाढ़ी कमाई लगी हुई है। सरकार तत्काल निजी करण बंद करके जनता को बर्बाद होने से बचाएं। इसमें सीधा और सबसे ज्यादा नुकसान अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग वर्गो की नौकरियों मैं तो होगा ही। साथ साथ उनके विकास की सबसे बड़ी बाधा होगी। अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग विकास से दूर रहेंगे। यदि निजी करण से फायदा या लाभ होता तो देश की निजी स्वामित्व वाली 50% कंपनियां बंद नहीं होती।

रेलवे पेट्रोलियम कंपनी इतना पुराना संसाधन है, जो लगातार शासन को मुनाफा दे रहा है। निजीकरण से देश और प्रदेश का कभी भी विकास नहीं हो सकता। जबकि देश को विकसित बनाकर प्रथम पंक्ति मैं लाने के लिए कृत संकल्प है। नाजी संगठन निजीकरण का कड़ा विरोध करता रहेगा। हबीबगंज रेलवे स्टेशन के समीप प्रदर्शन करने के बाद कलेक्टर को प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर  दिनेश अहिरवार बाबूलाल भारती दीपक बंशकार अशोक बेन रावण वर्मा गौतम पाटिल सुनील अहिरवार आदि लोग उपस्थित हुए।

निर्णय वापस नहीं हुआ तो होगा तेज विरोध- रसोनिया

नाजी के अध्यक्ष राम सिंह रसोनिया का कहना है कि अगर भारत सरकार द्वारा निजी करण का निर्णय वापस नहीं लिया गया तो मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि यह बेरोजगारों के भविष्य का सवाल है। उन्होंने कहा है कि निजीकरण होने से सरकार का नियंत्रण पूरी तरह कम होगा। जिसका फायदा प्राइवेट लोग उठाएंगे। देश में जबरदस्त तरीके से शोषण की प्रवृत्ति बढ़ेगी।

रोजगार छीनने का नहीं सरकार को कोई अधिकार- ममता निगम

बेरोजगार युवा संघ की महिला अध्यक्ष ममता निगम का कहना है कि अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग का आंदोलन उचित ही नहीं बल्कि देश हित में है। इसी तरह अब प्रदेश के बेरोजगार संगठन भी निजीकरण का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार रोजगार दे नहीं सकती हैं, तो उसे छीनने का भी कोई अधिकार नहीं है। ममता निगम का कहना है कि उच्च शिक्षित युवा नौकरी की प्रतीक्षा में उम्र दराज हो रहे हैं। उसके बावजूद सरकार का इस दिशा में कोई ध्यान नहीं है।

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