जनता के सहयोग से राम वन गमन पथ को संवारेगी कमलनाथ सरकार
जनता के सहयोग से राम वन गमन पथ को संवारेगी कमलनाथ सरकार Deepika Pal - RE
मध्य प्रदेश

जनता के सहयोग से 'राम वन गमन पथ' को संवारेगी कमलनाथ सरकार

Author : Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार की पर्यटन को आध्यात्म से जोड़ने की पहल शुरू हो गई है जिसके लिए जहां श्रीलंका में सीता मंदिर बनाए जाने पर सहमति बनी वहीं, साँची में भी विनिर्माण और बौद्ध संग्रहालय बनाने की मंजूरी पर भी हस्ताक्षर हुए हैं। इसके बाद अब चित्रकूट से अमरकंटक को जोड़ता हुआ 350 किमी लंबा वन गमन पथ का निर्माण किया जा रहा है जिसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्रस्ट के तहत आमजनों और साधु-संतों से सहयोग लेने की बात कही है।

कैबिनेट बैठक में लिए निर्णय :

बता दें कि, प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में वन गमन पथ निर्माण प्रोजेक्ट की समीक्षा की। जिसके तहत पथ के निर्माण के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जिससे आमजनों और साधु-संतों को जो़ड़कर आर्थिक सहयोग लिया जाएगा। प्रोजक्ट की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने निर्माण संबंधी कार्य के लिए दायित्व सड़क विकास निगम को सौंपा है, जिसके प्रथम चरण में 30 किलोमीटर अमरकंटक और 30 किलोमीटर चित्रकूट क्षेत्र से पथ का सर्वे कर निर्माण कार्य की शुरुआत होगी। इस पथ के दोनों ओर वृक्षारोपण के साथ सौंदर्यीकरण का कार्य भी किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, पथ के निर्माण के लिए 22 करोड़ रूपए बजट का प्रावधान किया गया है। सड़क निगम का कार्य आध्यात्म विभाग के निर्देशन में कार्य करेगा। सर्वे के दौरान सरकारी, गैर सरकारी भूमि को चिन्हित कर सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी करने के निर्देश भी दिए हैं।

9 स्थानों को किया गया चिन्हित :

बता दें कि पथ के निर्माण के लिए प्रोजक्ट में पन्ना, कटनी, जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, शहडोल और अमरकंटक समेत कुल 9 स्थानों को चिन्हित किया गया है। वहीं 350 किमी के प्रस्तावित मार्ग के लिए जहां 22 करोड़ के बजट का प्रावधान है, वहीं 600 करोड़ से ज्यादा व्यय होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने श्रीलंका में सीता माता के मंदिर के निर्माण तथा सांची में अंतर्राष्ट्रीय स्तर बौद्ध दर्शन केन्द्र विकसित करने की समीक्षा करते हुए निर्देश देते हुए कहा कि, अधिकारी श्रीलंका सरकार के साथ सीता मंदिर निर्माण के लिए चर्चा कर निर्माण को अंतिम रूप दें। समय-सीमा के तहत कार्यो को शुरू करने के निर्देश भी दिए, साथ ही साँची में बौद्ध संग्रहालय और प्रशिक्षण केंद्र निर्माण की प्रोजक्ट रिपोर्ट 10 दिन में तैयार कर एक महीने में निर्माण करने की बात कही।

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