सायबर अपराधों पर सायबर पुलिस की बड़ी कार्यवाही
सायबर अपराधों पर सायबर पुलिस की बड़ी कार्यवाही Social Media
मध्य प्रदेश

सायबर अपराधों पर सायबर पुलिस की बड़ी कार्यवाही: आठ हजार से अधिक फर्जी सिम को ब्लॉक कर लगाया लाखों का जुर्माना

Deeksha Nandini

मध्यप्रदेश। सायबर अपराधों पर राज्य सायबर पुलिस की बड़ी कार्यवाही की हैं। भोपाल अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री योगेश देशमुख के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश राज्य सायबर पुलिस द्वारा सायबर अपराधियों के विरूद्ध लगातार प्रभावी कार्यवाही करते हुए न केवल आठ हजार से अधिक संदिग्ध सिमों को ब्लॉक कराया बल्कि संदिग्ध सिमों को ब्लॉक करने में लापरवाही करने वाली टेलीकॉम कम्पनी के विरुद्ध टेलीकॉम डिपार्टमेंट को पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध कराए।

जिससे टेलीकॉम कम्पनी पर 1,83,000/- रूपये का जुर्माना लगाया गया। इसके पूर्व इसी प्रकरण में मार्च 2022 में सायबर पुलिस जोन-ग्वालियर के गहन तकनीको विश्लेषण और सतत प्रयास से एक टेलीकॉम कम्पनी की 7.948 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कराने में सफलता प्राप्त की थी।

पुलिस महानिदेशक ने दी जानकारी :

इस संबंध में जानकारी देते हुये श्री देशमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने बताया कि राज्य सायबर जोन ग्वालियर को वर्ष 2020 में फेसबुक पर फर्जी विज्ञापन देकर कार बेचने के नाम पर 1,75,000 रूपये की धोखाधड़ी संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसकी जांच पर अज्ञात ठगों द्वारा म०प्र० के ही शिवपुरी और गुना जिले से जारी फर्जी सिम और फर्जी Paytm खातों का उपयोग किये जाते हुए पाया गया। सायबर जोन ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक श्री सुधीर अग्रवाल के नेतृत्व में निरीक्षक दिनेश कुमार गुप्ता, उनि० अनिल शर्मा आदि की टीम द्वारा प्रकरण की गहन एवं सूक्ष्म जांच करते हुए फर्जी सिम जारी करने और फर्जी पेटीएम खाते बनाने में संलिप्त आठ आरोपियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई।

लेकिन इसके साथ ही प्रकरण में प्राप्त डाटा के विश्लेषण से 20,000 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नम्बरों को भी चिन्हित किया और इनकी सूची बनाकर संबंधित सर्विस प्रोवाइडरों को सत्यापन हेतु भेजा गया।

सिमों का किया गया पुनः परीक्षण:

एक टेलीकॉम कम्पनी के मार्च 2022 में 7 हजार 948 सिम ब्लॉक कर दी गई। बाद में इसी कंपनी ने 239 अन्य सिमों को ब्लॉक किया। परंतु दूसरी टेलीकॉम कम्पनी द्वारा पुनः सत्यापन में सभी सिम सही पाया जाना बताते हुए कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस पर राज्य सायबर पुलिस द्वारा उपलब्ध साक्ष्यों के साथ डीजी टेलीकॉम को जानकारी भेजी गई। इसके बाद टेलीकॉम अधिकारी द्वारा सिमों का पुनः परीक्षण किया गया, जिसके बाद 583 सिमें ब्लॉक करने के अलावा रुपए 1,83,000/- का जुर्माना भी संबंधित टेलीकॉम कम्पनी पर लगाया गया है।

आठ हजार से अधिक फर्जी सिमो को किया ब्लॉक :

इस प्रकार एक अकेले प्रकरण में गहन अनुसंधान और सतत कार्यवाही के द्वारा कुल 8,772 संदिग्ध सिमो को ब्लॉक कराके अनगिनत सायबर अपराध को रोकने में सफलता पाई। वहीं जानबूझकर संदिग्ध सिमो को ब्लॉक न करने पर टेलीकॉम कम्पनी पर जुर्माना लगाए जाने से अब ये कंपनिया अपनी सामाजिक और कानूनी उत्तरदायित्व का निर्वहन करने को बाध्य होंगी।

महत्वपूर्ण :-

सायबर अपराधियों द्वारा इस प्रकार की फेक सिनों का प्रयोग करके ही द्वारा देश के नागरिकों के साथ सायबर अपराध विशेषकर ठगी की जाती है। अपराधों की जांच पर पुलिस असली सायबर अपराधियों तक नहीं पहुँच पाती क्योंकि ये सिम निर्दोष नागरिकों की आई.डी. का प्रयोग कर प्राप्त की गई होती हैं।

वेबसाईट से करा सकते हैं डिएक्टिवेट

इन सिमों को जारी करने में निर्दोष नागरिकों की आई.डी. का प्रयोग किया जाता है किसी अपराध में प्रयुक्त सिम में जिनके आई०डी० प्रयुक्त होते हैं, उन्हें पूछताछ में अपनी निर्दोषिता साबित करना होती है अतः वेबसाईट http://tafcop.dgtelecom.gov.in से अपने नाम से जारी सिमों की जानकारी करके अनावश्यक नंबरों को डिएक्टिवेट करा दें।

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