Bhopal Smart City
Bhopal Smart City  RE-Bhopal
मध्य प्रदेश

Big News: 825 करोड़ के प्रोजेक्ट होने के बाद भी Bhopal में नहीं दिखा बड़ा बदलाव, 11 अरब के काम पिछड़े

Muktesh Rawat

भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी को स्मार्ट बनाने के प्रोजेक्ट के रविवार को आठ साल पूरे होने जा रहे हैं। इस अवधि में सवा आठ सौ करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। हकीकत यह है कि इनमें से एक भी ऐसा नहीं है जिससे लोगों को जिंदगी स्मार्ट हुई हो या शहर में बड़ा बदलाव आया हो। इतना ही नहीं 12 अरब से ज्यादा लागत के कार्य अभी चल रहे हैं। इसमें से 1100 करोड़ के प्रोजेक्ट पिछड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून, 2015 को स्मार्ट सिटी मिशन लॉन्च किया था। इसका मकसद लोगों की जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन लाकर हाई टेक सुविधाएं व सेवाएं मुहैया कराना था।

मिशन के पहले चरण में भोपाल, इंदौर और जबलपुर का चयन किया गया था। फिर दूसरे फेज में ग्वालियर, सागर, सतना और उज्जैन भी शामिल हो गए। टीटी नगर की 342 एकड़ जमीन मिली, यहां भी प्रोजेक्ट अधूरे राजधानी में स्मार्ट सिटी के पहले शिवाजी नगर में जमीन आवंटित की जा रही थी। इसका रहवासियों और जनप्रतिनिधियों ने काफी विरोध किया। ऐसे में मुख्यमंत्री के दखल के बाद टीटी नगर में स्मार्ट सिटी के लिए 342 एकड़ जमीन आवंटित की गई।

यहां प्रोजेक्ट्स को आकार देने के लिए हजार से ज्यादा सरकारी मकानों को खाली कराने और तोडऩे में काफी समय लग गया। फिर टीटी नगर दशहरा मैदान के पास नाले पर बहुमंजिला इमारत के निर्माण को लेकर एनजीटी में याचिका लग गई। ट्रिब्यूनल ने कुछ महीने के लिए स्मार्ट सिटी के कार्यों पर रोक लगा दी। यह हटने के बाद दोबारा कार्य शुरू हुए तो फंड की कमी आने लगी। नतीजा, टीटी नगर स्थित स्मार्ट सिटी एरिया में ही कई प्रोजेक्ट अभी अधूरे हैं।

केंद्र-राज्य से मिला हजार करोड़ खर्च, धीमी पड़ गई रफ्तार भोपाल स्मार्ट सिटी के तहत तीन हजार करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट प्लान किए गए। स्मार्ट सिटी मिशन में चयनित प्रत्येक शहर को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कुल एक हजार करोड़ रुपए दिए गए। भोपाल काफी पहले यह राशि खर्च कर चुका है। अब बाकी प्रोजेक्ट्स पूरा करने के लिए लैंड मॉनेटाइजेशन का सहारा लिया जा रहा है। यानि टीटी नगर में विकसित प्लॉट्स बेच कर फंड की व्यवस्था की जा रही है। इससे 1200 करोड़ से अधिक जुटाने का टारगेट हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया आसानी से नहीं हो पा रही है। गड़बडिय़ों और शिकायतों में यह उलझ गई थी। ऐसे में जमीन बेच कर पर्याप्त राशि की व्यवस्था नहीं की जा सकी। इसका परिणाम यह रहा कि अधिकांश प्रोजेक्ट्स की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई। वहीं सुनहरी बाग के पास स्मार्ट गवर्नमेंट हाउसिंग की योजना जमीन पर नहीं उतर पाई। झुग्गियों की शिफ्टिंग न होने की वजह से यह स्थिति बनी।

उपलब्धियों के नाम पर यह काम पूरे

  • प्लेटिनम प्लाजा से जवाहर चौक तक बोलेवर्ड स्ट्रीट -

  • पॉलीटेक्निक से भारत माता चौराहा तक स्मार्ट रोड

  • इंटेलीजेंट स्ट्रीट पोल

  • इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर

  • इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम

  • छोटा तालाब पर आर्च ब्रिज

  • भूमिगत स्मार्ट बिन, आला अफसरों ने हटवा दिए

  • सदर मंजिल को नवाबकालीन स्वरूप में लाना

  • नर्मदापुरम रोड पर आरआरएल से मिसरोद तक पांच मीटर चौड़ा साइकिल ट्रेक

  • स्मार्ट पार्र्किंग, व्यवस्था ठप

  • बिट्टन मार्केट में बायोमिथेनाइजेशन प्लांट

इन बड़े प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम

  • टीटी नगर दशहरा मैदान के पास स्मार्ट हाउसिंग

  • गैमन के पीछे सरकारी बहुमंजिला इमारतें

  • दशहरा मैदान को स्मार्ट बनाना

  • टीटी नगर में विभिन्न चौड़ाई की सड़कों का नेटवर्क

  • जलप्रदाय प्रबंधन के लिए एस्काडा

  • भानपुर खंती में आईएसबीटी

  • इंटीग्रेटेड ट्रेफिक सॉल्यूशन

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT