बसपा और सपा की अपने-अपने विधायकों पर नजर
बसपा और सपा की अपने-अपने विधायकों पर नजर Priyanka Sahu -RE
मध्य प्रदेश

भोपाल : बसपा और सपा की अपने-अपने विधायकों पर नजर

Author : राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्य प्रदेश। उपचुनाव के नतीजे मंगलवार, 10 नवंबर को आएंगे। सत्ता के लिए करीबी संघर्ष होने के चलते बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने अपने-अपने विधायकों को सुरक्षित रखने की रणनीति बनाई है। पार्टी स्तर पर भी चर्चा है कि राजनीतिक समीकरण बदलने पर बसपा के दो और सपा के एक विधायक की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी। हालांकि दोनों पार्टियों के पदाधिकारियों का कहना है कि अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व ही करेगा। मालूम हो, 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के दो विधायक संजीव कुशवाह और रामबाई ने जीत हासिल की थी। शुक्रवार को कुशवाह ने भाजपा के साथ रहने के स्पष्ट संकेत दिए। वहीं, रामबाई को बसपा ने पहले ही पार्टी से निलंबित कर रखा है।

उधर, सपा से चुनाव जीते राजेश शुक्ला को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निलंबित किया जा चुका है। दोनों पार्टियों ने अपने इन विधायकों को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है, क्योंकि भाजपा और कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं होने की स्थिति में इनका महत्व बढ़ जाएगा। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने कहा कि हम किंगमेकर की भूमिका में होंगे। किसे समर्थन देना है और किसे नहीं, यह फैसला पार्टी सुप्रीमो मायावती करेंगी। सपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता यश भारतीय ने अपनी पार्टी के निलंबित विधायक के संबंध में फैसला लेने को लेकर यही कहा कि पार्टी नेतृत्व इस बारे में फैसला करेगा। सूत्रों का कहना है कि मौके की नजाकत को देखते हुए पार्टी पदाधिकारी इस बात पर सहमत हैं कि निलंबित विधायकों को फिर से पार्टी में लिया जाए। निलंबित विधायक अपने स्तर पर फैसले लेते हैं। इनकी पार्टी में वापसी होती है तो पार्टी नेतृत्व उनकी ओर से फैसला ले सकेगा। पिप्पल और भारतीय ने इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ न कहते हुए बताया कि यह फैसला भी पार्टी प्रमुख को लेना है।

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