स्कूल छत गिरने से छात्र हुए घायल
स्कूल छत गिरने से छात्र हुए घायल Priyanka Yadav - RE
मध्य प्रदेश

बुरहानपुर: 20 साल पुराने स्कूल की छत गिरी, एक छात्र हुआ घायल

Author : Ganesh Dunge

राज एक्सप्रेस। शहर के निजी स्कूल में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। 20 साल से ज्यादा पुराने स्कूल भवन के एक कमरे की छत गिरने से कक्षा केजी 2 का बालक मलबे में दब गया। स्कूल में ही कागजात जमा करवा रही मां को पता चला तो उसका दिल धक से रह गया। जिगर के टुकड़े को बचाने के लिए चीख-चीखकर लोगों से गुहार लगाई। बच्चे को बचाने के लिए लोग जुट गए। कुछ ही देर में मलबे में दबे बालक को स्कूल संचालक के बेटे ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बालक की सांसे चलती देख मां की जान में जान आई।

घायल बच्चे को तुरंत बाहर निकालकर अस्पताल ले गए

मलबे में दबे गंभीर घायल बच्चे को बाहर निकालकर तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया। हादसे के दौरान बालक नीचे गिर गया था। लोहे का एंगल भी बेच पर गिरा। बेंच बालक के ऊपर आ गई। इस कारण उसकी जान बच गई। नौनिहालों के स्कूल में हुए इस हादसे की खबर फैली तो पालक स्तब्ध रह गए। कुछ बोल तो नहीं पाए, लेकिन एक अजीब से खामोशी छा गई। हर कोई यही सोच रहा था कि अगर इस कमरे में कक्षा लगी होती तो मंजर कैसा होता।

घायल बच्चे को तुरंत अस्पताल ले गए

हादसा राजपुरा के निजी स्कूल वैदिक विद्यापीठ में हुआ

घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम काशीराम बडोले, निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला, पार्षद प्रतिनिधी सोनू खुराना मौके पर पहुचे। हादसा बुधवार दोपहर लगभग 12 बजे राजपुरा के निजी स्कूल वैदिक विद्यापीठ में हुआ। स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी। छुट्टी के बाद बेटे जीतेंद्र नाम के बालक की मां स्कूल के कार्यालय में दस्तावेज जमा करवा रही थीं। इस दौरान जीतेंद्र मां को छोड़कर स्कूल के एक कमरे में घुस गया।

दीवार गिरते ही क्षेत्र में मचा हड़कंप

बताते हैं जीतेंद्र नाम के बालक के साथ अन्य 2 बालक भी थे। जैसे ही बच्चे कमरे में घुसे कमरे की दीवार गिरने लगी। ये देखकर दो बालक तो बाहर भाग निकले, लेकिन जितेंद्र कमरे में फंस गया। वो बेंच के नीचे बैठ गया। इतने में पूरी की पूरी दीवार नीचे आ गई। दीवार गिरते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया। स्कूल के स्टाफ की आंखे फट गई। पता चला कमरे में एक बालक दब गया है। जीतेंद्र मां को नहीं दिखा तो उसने आपा खो दिया और बच्चे को निकालने के लिए चीखती रही। क्षेत्रवासी मौके पर पहुंचे और मलबा हटाने लगे। इस दौरान स्कूल संचालक का बेटा भी पहुंच गया। कुछ ही देर में एक बेंच के नीचे से बालक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

दीवार गिरते ही क्षेत्र में मचा हड़कंप

पुराने जर्जर भवनों के संबंध में नगर निगम ने जर्जर भवन को नोटिस दे दिया है ये किसकी लापरवाही है, इसकी जांच करेंगे। नगर निगम ने चिह्नित किए है 14 भवन। नगर निगम ने 14 जर्जर भवन चिह्नित किए है। इनमें सभी तरह के भवन शामिल हैं। नगर निगम ने नोटिस तो दिया है, लेकिन इन्हें हटाया नहीं गया है। अब नगर निगम के अफसर दोबारा नोटिस देने की बात कह रहे हैं। सवाल ये उठता है कि जब नगर निगम अफसरों को पता है कि भवन जर्जर है तो इन्हें हटाया क्यों नहीं जा रहा है। नोटिस देकर अफसर भूल जाते हैं। बाद में हादसा होता है तो जाने जाती हैं, तब भवन गिराने या हटाने की कार्रवाई की जाती है। बेहतर ये है कि हादसा होने से पहले सही कार्रवाई कर ली जाए।

नगर निगम को करना होगी सघनता से जांच

नगर निगम अभी 14 जर्जर भवन होने की बात कह रहा है, लेकिन शहर में कई ऐसे मकान हैं जो कई साल पुराने हैं और गिरने की स्थिति में हैं। नगर निगम को ऐसे मकानों को ढूंढने के लिए सघन जांच करना होगी। नगर के अंदरूनी क्षेत्रों में भ्रमण करेंगे तो कई पुराने और जर्जर भवन मिलेंगे। कई मकानों में लोग रह भी रहे हैं। जर्जर भवनों को हटाकर प्रशासन को परिवार की सहायता भी करनी चाहिए। स्कूल भवनों की जांच क्यों नहीं जिलेभर में सैंकड़ो निजी स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। कई स्कूल भवन घरों में चलाए जा रहे हैं। भवन पुराने ही हैं। इन भवनों की जांच शिक्षा विभाग या प्रशासन क्यों नहीं करवा रहा है। विद्यार्थियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रशासन को जिलेभर के निजी और सरकारी स्कूल भवनों की जांच करना चाहिए।

जिस कक्ष का छत गिरा वहा कक्षाएं संचालित नहीं होती हैं, उक्त भवन का रिपेयरिंग का काम किया जा रहा है। एक बच्चे को हल्की चोटें हैं ।
आदित्य प्रजापित,स्कूल संचालक
स्कूल की छत गिरने से एक बालक को मामूली चोटें आयी हैं। निगम को निर्देश दिये हैं कि वह ऐसे स्कूल भवनों को चिन्हित करें जिनके भवन जर्जर हो गये हैं उन्हे नोटिस देकर दुरूस्त करने हेतु कहा जायेगा।
काशीराम बडोले, एसडीएम

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