ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश
ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश Social Media
मध्य प्रदेश

करोड़ों रुपए का फर्जी वीडियो दिखाकर हड़प लेते थे 50 हजार से 1 लाख रुपए

Pradeep Chauhan

इंदौर, मध्य प्रदेश। क्राइम ब्रांच ने बड़े ही अनोखे तरीके से ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग के सरगना सहित तीन लोगों को बंदी बनाया है। गैंग का सरगना खुद इसी तरह की धोखाधड़ी का शिकार हुआ था, उसके बाद उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इस तरह ठगी करना शुरु कर दिया। क्राइम ब्रांच ने गैंग से 500 एवं 2000 के नोटों की सैकड़ों गड्डियां बरामद की हैं। इनमें एक नोट असली है शेष बच्चों के बैंक के नोट हैं। 50 हजार नकदी और एक कार भी बरामद की है। इनसे पूछताछ की जा रही है कई और वारदातों का रहस्य सामने आ सकता है।

कैसे करते थे ठगी :

गैंग का एक सदस्य अपने शिकार को तलाशता उसके बाद उसे झांसा देता कि किसी स्थान पर नोटों का गोदाम है। वह मैंने देखा है। इसे तांत्रिक क्रिया द्वारा दूसरे स्थान पर किया जा सकता है। ऐसे कई तांत्रिक हैं जो इस तरह का काम करते हैं। इसके बाद गैंग का सदस्य अपने ही किसी साथी के बारे में बता देता था कि वह तांत्रिक है। फर्जी तांत्रिक दावा करता कि वह तंत्र विद्या द्वारा गोदाम का पैसा दूसरे स्थान पर भेज देता। तब गैंग का पहला सदस्य अपना जाल बिछाता और शिकार को अपने चंगुल में ले लेता। वह फर्जी वीडियो भी बताता जिसमें 500,2000 के नोटों की ढेरों गड्डियां रखी होती थीं। पहला सदस्य गोदाम का पता बताकर शिकार से शर्त लगाता कि यदि तुम्हारा तांत्रिक पैसा गायब नहीं कर पाया तो तुम्हें 50 हजार या एक लाख रुपए देना पड़ेंगे। पैसा मिल जाएगा तो उसके तीन हिस्से होंगे। लालची शिकार इस झांसे में आ जाता। इसके बाद गैंग का दूसरा सदस्य तंत्र विद्या का ढोंग करता लेकिन पैसा गायब नहीं कर पाता। इस तरह लालची से 50 हजार या एक लाख रुपया वसूल लिया जाता था।

गिरोह का मुखिया मनोज पाल पिता मोहन पाल 42 साल नि. फ्लैट क्रमांक 401 कोरल रिफ्स कालोनी सहित दो अन्य सदस्यों सुमित सक्सेना पिता नारायण सक्सेना व संजय पिता कैलाश कौशल को हिरासत में लिया गया। मनोज द्वारा दो वर्षों से लोगों के साथ ठगी का यह धंधा किया जा रहा है । सुमित व संजय लोगों को फंसाने में उसका साथ देते हैं । उक्त गिरोह के सदस्यों के कब्जे से 2000 रूपये के नोटों की 15 गड्डियाँ, 500 रूपये के नोटों की 230 गड्डियाँ जप्त की गई जिन पर बच्चों का बैंक छपा हुआ है। इन गड्डियों के ऊपर एक असली नोट लगाकर उसे डिब्बों में व्यवस्थित सजाकर उसका वीडियो बना लेते थे और उस वीडियो का उपयोग लोगों को नोटों के गोदाम के रूप में दिखाते थे। उक्त गिरोह द्वारा लोगों को फर्जी नोटों से भरे हुये गोदाम का वीडियो दिखाया जाता है जिसे लोगों में व्याप्त अंधविश्वास का सहारा लेकर तांत्रिक क्रियाओं का उपयोग कर पैसों को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने का भरोसा दिलाते हैं। लोगों को अपनी बातों में फंसाकर उनसे 50,000 से 1,00,000 रूपये की शर्त लगवाते है। शर्त के नाम पर ये लोगों से रुपए ऐंठ लेते थे। आरोपी मनोज पाल भी पूर्व में इस तरह की ठगी का शिकार हो गया था उसने इसी बात का सहारा लेकर अपने साथियों के साथ दूसरे लोगों को ठगना शुरू कर दिया था। कई लोगों को अपने जाल में फंसाकर इसी तरह से उनके साथ ठगी की गई है।

इस तरह हुआ खुलासा ठग गैंग का :

आवेदक हर्षेन्द्र चक्रवर्ती के मुताबिक उसे 15 दिन पहले भोपाल में रहने वाले मित्र आदित्य व्दारा सूचना मिली थी कि इंदौर में रहने वाला मनोज पाल निवासी कोरल रीफ्स कालोनी पिगडम्बर के पास कोई फर्जी करेंसी का मामला है जो तांत्रिक क्रियाओं व्दारा एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने का काम करता है। यह 50,000 से 1,00,000 तक तांत्रिक व्दारा शर्त रखवाता है फिर वह धमकी देकर उन रूपयों को अपने कब्जे में ले लेता है। तब आवेदक अपने साथी दीपक कन्हाई को साथ में लेकर अन्य मित्र सुनील पाटिल निवासी खण्डवा के माध्यम से आरोपी मनोज पाल से संपर्क किया। प्लान मुताबिक 50,000 रूपये दिखाकर मनोज पाल को वीडियो बनाकर लाने को कहा गया तो मनोज पाल 1-2 घण्टे बाद अपना स्वीट्स पर वीडियो बनाकर ले आया। आवेदक व्दारा तांत्रिक व्दारा सिद्ध कर दिया गया नोट व उसकी सीरीज भी विश्वास करने हेतु दी थी। मनोज ने बोला था कि यदि रिपोर्ट कर्ता का तांत्रिक उक्त गोदाम के रूपये स्थानांतरित नहीं कर पाया तो हर्जाने के रूप में 50,000 रूपये देना पड़ेगें। यदि तांत्रिक क्रिया व्दारा रूपये गायब कराता है तो गायब रूपये के तीन हिस्से होंगे। यह बात होने के बाद यह लोग जब मनोज पाल उसके साथी संजय कौशल व सुमित सक्सेना को गोडाउन चलकर दिखाने को कहा तो मनोज पाल द्वारा कोरल रीफ्स में अपने फ्लैट पर ले गए। वहां जाकर ये अचानक हमलावर हो गये और रूपये निकालने को बोला उसके साथ ही 50,000 रूपये और मंगवाने लगे, इन लोगों ने पैसे छीन लिये। रूपये मंगवाने के बहाने आवेदक व्दारा पूर्व योजना मुताबिक क्राईम ब्राँच की टीम को सूचना दे दी। क्राईम ब्रांच व्दारा मौके पर रेड की कार्यवाही की गई और आरोपियों को पकड़ लिया गया। प्रकरण की विवेचना के दौरान आरोपी मनोज पाल से 10 रुपये का 1 पण्टर नोट, नगदी 50000 रुपये, 15 गड्डी 2000 रुपये के बच्चों के नोट, एक कार इग्निस एवं आरोपी संजय से 500 रुपये के बच्चों के नोट की 130 गड्डी, आरोपी सुमित से 500 रुपये के बच्चों के नोट की 100 गड्डी जप्त की गई। आरोपियों से की गई अन्य धोखाधड़ी के संबंध में पूछताछ की जा रही है।

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