क्या अकेला इतना बड़ा नकली घी का कारखाना चला सकता है?
क्या अकेला इतना बड़ा नकली घी का कारखाना चला सकता है? Raj Express
मध्य प्रदेश

सबसे बड़ा सवाल : क्या अकेला इतना बड़ा नकली घी का कारखाना चला सकता है?

Author : Pradeep Chauhan

इंदौर, मध्य प्रदेश। खजराना में नकली घी के कारखाने का पर्दाफाश हुआ। दो साल से चल रहे इस कारखाने के बारे में पुलिस का कहना है कि ये कारखाना एक ही आरोपी चला रहा था। तब सवाल उठता है कि एक ही आरोपी घी भी बना लेता था,उसे बाजार में सप्लाय कर देता था। केवल इंदौर ही नहीं उज्जैन एवं शहर के आसपास कई इलाकों में ये नकली घी सप्लाय होता था। तब ये शक होता है कि कहीं दूसरे आरोपियों को बचाने की कोशिश तो नहीं की जा रही है। वैसे भी पुलिस की मिली भगत के बिना इलाके में दो साल से ये नकली घी बनाने का कारखाना नहीं चलाया जा सकता है।

खजराना खुफिया पुलिस टीम संदेह के घेरे में :

क्राइम ब्रांच ने खजराना इलाके में चल रहा नकली घी का कारखाना पकड़ा है । आरोपी 2 साल से उसी मकान में नकली घी बना रहा था। दो साल से चल रहे इस अवैध धंधे को लेकर खजराना पुलिस भी संदेह के घेरे में आ गई। आम लोगों का कहना है कि खजराना पुलिस की मिलीभगत से ही नकली घी का कारखाना चल रहा था। वैसे भी ये भी बेहद आश्चर्यजनक है कि एक अकेला व्यक्ति ही नकली घी भी बनाता था और वह उज्जैन तक भी बेच आता था। इस बात से ये भी संदेह पैदा हो रहा है कि नकली घी क् मामले में कई आरोपियों का बचाव किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि इलियास कॉलोनी में इरफान गौरी के मकान में नकली घी बनाने की फैक्ट्री चल रही है।यहां छापा मारी गई तो आरोपी अशरफ अली पिता शमशेर अली निवासी हबीब कॉलोनी नकली घी बनाते हुए पकड़ा गया। उसने पूछताछ में बताया कि इरफान से मकान किराए पर ले रखा है। टीम को मौके से ब्रांडेड कंपनियों के रेपर मिले। आरोपी डालडा घी में सनफ्लावर तेल मिलाकर उसे गर्म करता है और घी में सुगंध वाला केमिकल मिलाता है। इसके बाद नामी कंपनियों के रैपर में भी पैक करके मार्केट में बेच देता है। पिछले 2 साल में वह हजारों लीटर नकली घी खपा चुका है। इसमें दुकानदार भी उससे जुड़े हुए हैं। दुकानदारों का 300 किलो में नकली घी मिलता है और वह 500 से 600 में बेचते हैं।

कई सालों से एक ही थाने पर डटे हुए हैं :

ये भी पता चला है कि खजराना थाने की खुफिया विंग में पदस्थ पुलिसकर्मी कई सालों से जमे हुए हैं। आखिर क्या वजह है कि उन्हें नकली घी कारखाने की भनक नहीं लगी। ये भी बताया जा रहा है कि नकली घी बनाने वाले मोटा कमीशन बीट इंचार्ज सहित खुफिया टीम को पहुंचाते थे। यही कारण है कि यहां पर कभी कार्रवाई नहीं होती। मुखबिर ने क्राइम ब्रांच को सूचना दी उसके बाद कार्रवाई हुई। ये भी माना जा रहा है कि यदि खजराना पुलिस को इस कारखाने की शिकायत मिलती तो मामला दबा दिया जाता। अब देखना ये है कि खजराना पुलिस की भूमिका की पड़ताल में क्या सच्चाई सामने आती है।

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