36th anniversary of Bhopal gas tragedy
36th anniversary of Bhopal gas tragedy Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

गैस त्रासदी आपराधिक मामले में 12 साल बाद 24 मई को आ सकता सेशन कोर्ट का फैसला

Author : Shakti Rawat

भोपाल, मध्य प्रदेश। राजधानी में दिसम्बर 84 के यूनियन कार्बाइड हादसे के पीडि़तों के बीच काम कर रहे संगठनों ने हाल के भोपाल जिला अदालत के सत्र न्यायालय के फैसले से उम्मीद जागी है कि, 2010 से यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड और उसके 7 भारतीय अधिकारियों के खिलाफ लंबित कार्यवाही का जल्दी अंत होगा। 25 मार्च को इस मामले में सुनवाई करते हुए सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ने आदेशित किया कि अप्रैल 25-29 अप्रैल तक को वह सभी अपनी अंतिम दलीले पेश करें और 24 मई को मामले में अंतिम निर्णय के लिए रखा जाएगा।

दरअसल मामले में अगस्त 2021 से सत्र न्यायालय में लंबित अपील की योग्यता पर कोई बहस नहीं हो पाई है। हर पेशी पर अभियुक्तों द्वारा एक नया बहाना पेश किया गया है। अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष 25 मार्च 2022 को अपने आवेदन में बताया कि 2010 से यह आपराधिक अपील इस न्यायालय के समक्ष लंबित है और किसी भी उच्च न्यायालय का कोई आदेश नहीं है। भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा का कहना है कि यह आपराधिक अपील 11 साल से लंबित है और इसी दौरान 2 दोषी अधिकारी केवी शेट्टी, विजय गोखले अपने अपराधों का भुगतान किए बिना ही दिवंगत हो चुके हैं और बाकी दोषी अधिकारी पेशी पर भी शामिल नहीं होते हैं।

दोषियों ने की थी जज को हटाने मांग

नवम्बर 2021 में यू सी आई एल के 3 दोषी अधिकारियों किशोर कामदार ,पूर्व अध्यक्ष ,जे मुकुंद ,वक्र्स मैनेजर और एसपी चौधरी ने वर्तमान सत्र न्यायालय के न्यायाधीश को इस मामले से हटाने की मांग की क्योंकि उन्होंने भोपाल गैस त्रासदी के मुआवजे प्राधिकरण में 1997 में प्रशासनिक भूमिका में काम किया था। जिला न्यायाधीश ने इस अर्जी को खारिज कर दिया और इन तीनों अभियुक्तों द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गई। 30 नवम्बर 2021 को उच्च न्यायालय ने पाया की अभियुक्तों की याचिका में कोई योग्यता नहीं थी और जिला न्यायाधीश को मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने के लिए आदेशित किया।

7 जून 2010 को आया था पहला फैसला :

7 जून 2010 को भोपाल जिला अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड यूसीआईएल के केशव महिंद्रा सहित उसके 7 भारतीय अधिकारियों को धारा 304-ए, 336, 337, 338 और 35 आईपीसी के तहत दोषी ठहराया गया। यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड और उसके भारतीय अधिकारियों द्वारा इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की गई थी और तब से यह मामला भोपाल जिला न्यायालय की सत्र अदालत में लंबित है। भोपाल जिला अदालत में विदेशी कंपनियों यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन-यूएसए और डॉव केमिकल के खिलाफ लंबित आपराधिक प्रकरण में, भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन ,सीबीआई, अभियोजन की सहायता करने वाला एनजीओ ने एक आवेदन दायर किया और डॉव केमिकल अमरीका के अधिकृत प्रतिनिधि का विवरण प्रदान किया, जिसे उपस्थिति के लिए नोटिस दिया जाना चाहिए। इससे पहले द डाव केमिकल कंपनी को भोपाल जिला अदालत में पेश होने के लिए छह नोटिस जारी किए जा चुके हैं।

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